अगर पेट्रोल-डीज़ल जीएसटी (Petrol Diesel in GST) के दायरे में आ जाता है तो एक झटके में 20-25 रुपये प्रति लीटर तक इनकी कीमतें कम हो जाएंगी. हालांकि, इस पर राज्य और केंद्र सरकार में सहमति नहीं बन पा रही है. क्योंकि, राज्य सरकारों की कमाई का मुख्य जरिया पेट्रोल-डीज़ल पर लगने वाला टैक्स है. अब खबर आ रही है कि एक जीएसटी काउंसिल ने एक बार फिर से इस मामले को टाल दिया है. काउंसिल का कहना है कि कोरोना अभी तक खत्म नहीं हुआ है. इसीलिए आने वाले दिनों में कमाई घटने की चिंता बनी हुई है.
क्या कहा GST काउंसिल ने ?
सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल ने एक बार फिर से इस मामले को टाल दिया है. काउंसिल का कहना है कि कोरोना अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में, आने वाले दिनों में कमाई घटने की चिंता बरकरार है. इसी बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पेट्रोल के दाम को कम कर दिया है. पेट्रोल पर दिल्ली सरकार ने वैट घटा दिया है. इसके बाद दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 8 रुपये तक सस्ता हो जाएगा. आज आधी रात से नई दरें लागू हो जाएंगी.
GST दायरे में पेट्रोल-डीजल आने से क्या होगा बदलाव
SBI की रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी के दायरे में आने के बाद पेट्रोल करीब 20-25 रुपये और डीजल करीब 20 रुपये तक सस्ता हो जाएगा. यानी आम जनता को इससे बड़ी राहत मिलेगी. लेकिन, इससे राज्य सरकारों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा. दरअसल, डीजल-पेट्रोल के जीएसटी दायरे में नहीं आने की वजह राज्य सरकारें हैं, क्योंकि कोई भी राज्य अपना नुकसान नहीं कराना चाहता है.
पेट्रोल-डीजल से मुनाफा कमाती हैं राज्य सरकारें
राज्यों की अधिकतर आय पेट्रोल-डीजल पर लगाए जाने वाले टैक्स से होती है, इसलिए राज्य पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाना चाहते हैं. अभी सभी राज्य अपने-अपने हिसाब से कीमत तय कर सकते हैं.
केंद्र ने बढ़ाई डीजल-पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी
2019 में पेट्रोल पर टोटल एक्साइज ड्यूटी 19.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.83 रुपये प्रति लीटर था. सरकार ने पिछले साल दो बार एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया, जिसके चलते पेट्रोल पर यह बढ़कर 32.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर हो गया. इस साल के बजट में पेट्रोल पर शुल्क को घटाकर 32.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर किया गया था. इस महीने पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गईं, जिसके चलते पेट्रोल पर 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई.
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