India GDP Q2: अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर देश के लिए खुशखबरी, दूसरी तिमाही में 8.4% रही GDP की ग्रोथ

India GDP Q2: कोरोना की मार के बाद अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए खुशखबरी सामने आई है. सरकार की ओर से चालू वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में जीडीपी (GDP) ग्रोथ के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी 8.4 फीसदी रही. पहली तिमाही में जीडीपी 20.1 फीसदी रही थी.  हालांकि पिछले साल वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही से तुलना करें तो यह काफी बेहतर है. वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ऋणात्मक 7.4 फीसदी रही थी. आठ औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर अक्टूबर में 7.5 फीसदी रही है, जो पिछले साल इसी माह में 0.5 फीसदी रही थी.

जीडीपी विकास दर विश्लेषकों के अनुमानों के हिसाब से रही है. इंडिया रेटिंग्स ने 8.3 फीसदी जीडीपी की बात कही थी. कृषि क्षेत्र की विकास दर भी 4.5 फीसदी रही है. एचडीएफसी ने अर्थशास्त्रियों के बीच एक सर्वे किया था और उसमें 7 से 8 फीसदी के बीच जीडीपी रहने का अनुमान लगाया गया था. हालांकि गोल्डमैन सॉक्स ने जीडीपी ग्रोथ 9.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था.

सरकार ने जीडीपी की दूसरी तिमाही के आंकड़े ऐसे वक्त जारी किए हैं, जब एक बार फिर कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा दुनिया पर मंडरा रहा है. हालांकि डेल्टा वैरिएंट के कहर के बाद भारत में कोरोना के रोजाना के मामले अब दस हजार से भी कम रह गए हैं.

आठ कोर सेक्टर की ग्रोथ अक्टूबर में बढ़कर 7.5% रही
आठ कोर सेक्टर की ग्रोथ अक्टूबर में 7.5% रही. 30 नवंबर को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2021 में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 8 कोर सेक्टर की ग्रोथ 4.4% थी. कॉमर्स एवं इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के मुताबिक, “8 अहम कोर सेक्टर का इंडेक्स अक्टूबर 2021 में 136.2 रहा जो अक्टूबर 2020 के मुकाबले 7.5% ज्यादा है.” मंत्रालय की तरफ से जारी रिलीज के मुताबिक कोल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी इंडस्ट्रीज की ग्रोथ बढ़ी है.

राजकोषीय घाटा अक्टूबर अंत तक सालाना अनुमान का 36.3 फीसदी
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा यानी फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) अक्टूबर के अंत में वित्त वर्ष 2021-22 के सालाना बजटीय लक्ष्य का 36.3 फीसदी रहा. मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मुख्य रूप से रेवेन्यू कलेक्शन में सुधार से राजकोषीय घाटा कम रहा है. बता दें कि राजकोषीय घाटा का मतलब केंद्र सरकार की आमदनी और खर्चों का अंतर है.

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