बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने आंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti) के मौके पर गुरूवार को लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिन जातिवादी पार्टियों ने बाबा साहेब की उपेक्षा की आज वह राजनीतिक स्वार्थ के लिए श्रद्धांजलि देने की होड़ लगाए हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि जिन जातिवादी पार्टियों ने हमेशा बाबा साहेब की उपेक्षा व तिरस्कार किया आज वही राजनीतिक स्वार्थ की खातिर उनको श्रद्धांजलि देने की होड़ में लगे दिखाई पड़ते हैं। यह उनके दोहरे चाल, चरित्र, चेहरा नहीं तो और क्या। वे उपेक्षित वर्गों के प्रति पहले अपनी नीयत साफ करें तथा उनका हक दें व अन्याय-अत्याचार रोकें।
लखनऊ, 14 अप्रैल 2022: सुश्री मायावती जी आज सुबह यहाँ बीएसपी यूपी प्रदेश कार्यालय में वरिष्ठ लोगों के साथ कमज़ोर व उपेक्षित वर्गाें के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को उनकी जयन्ती पर शत्-शत् नमन, हार्दिक श्रद्धा-सुमन तथा उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करती हुई। pic.twitter.com/OfZIvfgT84
— Mayawati (@Mayawati) April 14, 2022
उन्होंने आगे कहा कि इन शोषित वर्गों के लिए हक, न्याय एवं राजनीतिक भागीदारी के लिए हर प्रकार का संघर्ष बसपा का ओढ़ना-बिछौना है। यह संघर्ष लगातार जारी रहेगा चाहे इसके विरुद्ध विरोधी पार्टियां व इनकी सरकारें कितने ही हथकंडे क्यों न अपनाएं। बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की सोच व संघर्ष के विपरीत सरकारी सम्पत्तियों को धड़ल्ले से निजी हाथों में बेचने से आरक्षण की निष्क्रियता के साथ-साथ देश में कुछ मुट्ठीभर बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की तिजोरियों में ही सिमट जाने से देश में गरीबी व आर्थिक असमानता घातक तौर पर बढ़ती ही चली जा रही है। जिसके लिए कांग्रेस व भाजपा सरकारें पूरी तरह से कसूरवार हैं।
2. जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त विरोधी पार्टियों व इनकी सरकारें बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के संघर्षों व संदेशों की कितनी ही अवहेलना करके उनके अनुयाइयों पर शोषण, अन्याय-अत्याचार व द्वेष आदि जारी रखें, किन्तु उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का बीएसपी मूवमेन्ट रुकने व झुकने वाला नहीं है।
— Mayawati (@Mayawati) April 14, 2022
मायावती ने कहा कि जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त विरोधी पार्टियों व इनकी सरकारें बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के संघर्षों व संदेशों की कितनी ही अवहेलना करके उनके अनुयाइयों पर शोषण, अन्याय-अत्याचार व द्वेष आदि जारी रखें, किन्तु उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का बीएसपी मूवमेन्ट रुकने और झुकने वाला नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा जातिवादी सरकारें उपेक्षित वर्ग के नेताओं को अपने समाज का भला करने की छूट नहीं देती हैं। यदि कोई कुछ करने का प्रयास करता है तो उसको दूध की मक्खी की तरह निकाल-बाहर कर दिया जाता है, जैसा कि अब तक यहां होता रहा है। इसीलिए इन वर्गों की हालत अभी तक मजबूर व लाचार, यह अति-दु:खद है।
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