उत्तर प्रदेश पुलिस ने जिस यूपी 100 का गठन नागरिकों को तत्काल प्रभाव से पुलिस सहायता उपलब्ध कराने के लिए किया, जिस पर सरकार भी अपनी पीठ थपथपाती है। उनके साथ कानपुर जोन में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। यूपी 100 के कर्मचारियों को पुलिस के बने मेस में खाना तक नहीं दिया जाता है। इस मामले को खुद एडीजी जोन कानपुर अविनाश चंद्र ने गंभीरता से उठाते हुए जोन के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर सभी समस्याओं को दूर करने के आदेश दिए हैं।
यूपी 100 के कर्मचारियों की समस्या सुन उड़े एडीजी के होश
एडीजी जोन कानपुर अविनाश चंद्र द्वारा जोन के सभी एसएसपी/एसपी को लिखे पत्र में कहा गया है कि 10 जनवरी 2019 को कानपुर नगर के पनकी स्थित नारायना इस्टीट्यूट में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे यूपी 100 के कर्मचारियों से उन्होंने बातचीत की। इस दौरान कर्मचारियों ने ड्यूटी करने मे आ रही कठिनाइयों और रहन-सहन में होने वाली कई समस्याओं को एडीजी जोन कानपुर अविनाश चंद्र के समक्ष रखा तो उनके होश उड़ गए।
यूपी 100 के कर्मचारियों ने बताया कि थाना-चौकी की मेस में यूपी 100 के कर्मचारियों को भोजन नहीं दिया जाता। कर्मचारियों ने बताया कि थाना और चौकी परिसर में उनके आराम करने पर आपत्ति जताई जाती है। यही नहीं, यूपी 100 के कर्मचारी जब थाना पुलिस से सहयोग मांगते हैं तो उनका समय पर सहयोग नहीं किया जाता है।
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एडीजी जोन का आदेश- देर होने पर टिफिन में पैक कर दें खाना
वहीं, यूपी 100 के कर्मचारियों की समस्या सुनने के बाद एडीजी जोन अविनाश चंद्र ने जोन के सभी एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने आदेश दिया है कि यूपी 100 के कर्मचारियों की ड्यूटी से पहले ही भोजन तैयार करवाया जाए और अगर देरी होती है तो मेस इंचार्ज जिम्मेदारी के साथ भोजन उनके टिफिन में रखवा दें।
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पत्र में कहा गया है कि यूपी 100 के कर्मचारियों को थाना और चौकी परिसर में ठहरने से रोकने वाले अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। एडीजी जोन कानपुर ने साफतौर पर लिखा है कि यूपी 100 के कर्मचारियों के साथ सौतेल व्यवहार नहीं किया जाए। उन्होंने लिखा कि यूपी 100 के कर्मचारी एक प्रकार से स्थानीय/थाना पुलिस का ही काम कर रहे हैं। ऐसे में यूपी 100 के कर्मचारी जब भी स्थानीय पुलिस मांगे तो उन्हें तत्काल सहयोग प्रदान किया जाए।
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