बिकरू कांड में दोषी पाए गए डिप्टी SP को अयोध्या में मिली तैनाती, उठ रहे सवाल

शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे कानपुर में हुए बिकरू केस के बारे में जानकारी नहीं होगी. इसी केस से रिलेटेड एक ऐसी खबर सामने आ रही है जिस वजह से पुलिस विभाग की कार्यशैली पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं. दरअसल, बिकरू कांड में अपराधियों से मिलीभगत के दोषी पाए गए पुलिस अधिकारी आरके चतुर्वेदी को अयोध्या में सीओ पद पर तैनात किया गया. जबकि, जांच आयोग ने आरके चतुर्वेदी को किसी अहम पद पर तैनात न करने का आदेश दिया था. क्योंकि पुलिस अफसर ने मुठभेड़ की ही रात आरोपियों ने 13 बार बात की थी. ऐसे में अब ये पोस्टिंग पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाने को मजबूर कर रही हैं.

मुठभेड़ में शहीद हुए थे 8 पुलिसकर्मी

जानकारी के मुताबिक, कानपुर देहात क्षेत्र के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 2 जुलाई 2020 की रात दबिश दी थी. हालांकि इस दौरान इन गुड़ों ने पुलिस दल पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसमें डीएसपी और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी.

इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बीएस चौहान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित की गई थी. आयोग की जांच में सीओ आके चतुर्वेदी के अलावा चौबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और दरोगा (हलका इंचार्ज) केके शर्मा सहित 14 पुलिसकर्मियों को बदमाशों से मिलीभगत का दोषी पाया था. इस मामले में विनय तिवारी और केके शर्मा को हाल ही में बर्खास्त कर दिया गया

 सूचनाएं लीक करने के दोषी हैं आरके चतुर्वेदी

बिकरू कांड की रात आरके चतुर्वेदी और जय बाजपेयी के बीच 13 बार बातचीत हुई थी. जांच आयोग ने चुतुर्वेदी को प्रशासनिक सूचनाएं लीक करने का दोषी माना था. ऐसे में आयोग ने आरके चतुर्वेदी को किसी अहम पद पर तैनात न करने का आदेश दिया था. बावजूद इसके इन्हें अयोध्या में तैनाती दे दी गई.

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