उत्तर प्रदेश के हथकरघा व पावरलूम बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए योगी सरकार (Yogi Government) ने झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजना शुरू की है। इसके तहत राज्य के अनुसूचित जाति/जनजाति के हथकरघा और पावरलूम बुनकरों (SC/ST weavers ) द्वारा संचालित पुराने, परंपरागत हथकरघा व पावरलूम के स्थान पर उच्चीकृत हथकरघा और आटोमेटिक पावरलूम स्थापित कराए जाएंगे। राज्य सरकार ने योजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष के बजट में आठ करोड़ रुपये का प्राविधान भी किया है।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने बताया कि अनुसूचित जाति/ जनजाति के हथकरघा व पावरलूम बुनकरों के आर्थिक व सामाजिक जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है। योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति के हथकरघा व पावरलूम बुनकरों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। उनके लिए कार्यशाला का निर्माण और हथकरघा की स्थापना कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्य सरकार 80 प्रतिशत अनुदान देगी तथा बुनकरों को मात्र 20 प्रतिशत अंश ही वहन करना पड़ेगा। इसी प्रकार उच्चीकृत पारवलूम की स्थापना में प्रदेश सरकार 60 प्रतिशत तथा 40 प्रतिशत बुनकर का अंशदान होगा।
मंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक के हथकरघा व पावरलूम से बुनकर बाजार की मांग के अनुरूप नये फैशन और नए रंग संयोजन के वस्त्रों का उत्पादन कर सकेंगे। बुनकरों की आवश्यकताओं कोखते हुए योजना को तीन घटकों में बाटा गया है। पहला आधुनिक पावरलूम तकनीक प्रशिक्षण कार्यक्रम, दूसरा उन्नत किस्म के हथकरघा व पावरलूम की स्थापना तथा तीसरा हथकरघा व पावरलूम कार्यशाला का निर्माण है।
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योजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय तथा आयुक्त एवं निदेशक हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट समिति का गठन किया जाएगा। समिति की संस्तुति के आधार पर पात्रों को धनराशि आवंटित की जाएगी।
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