अमरोहा जिले के बछराऊं थाने के गांव इंदरपुर हिस्ट्रीशीटर शिव अवतार यादव ने 25 वर्षीय सिपाही हर्ष चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी। हर्ष चौधरी गांव में हिस्ट्रीशीटर का सत्यापन करने गई पुलिस टीम में शामिल थे। शहीद सिपाही हर्ष के परिवार की कसौटी पर अमरोहा पुलिस का इकबाल टूटता नजर आया। अपने लाल की शहादत पर बेबस माता-पिता की चित्कार और पत्नी व बहन के दर्द ने हर किसी को झकझोरा। अभी तक भी हर्ष के परिवारजन मुठभेड़ को लेकर सामने रखी गई पुलिस की थ्योरी से संतुष्ट नहीं हैं।
निशाने पर है स्थानीय पुलिस की लापरवाही
जानकारी के मुताबिक, रविवार देर रात धनौरा क्षेत्र के गांव इंद्रपुर में बदमाश शिव अवतार के साथ हुई पुलिस की मुठभेड़ में सिपाही हर्ष चौधरी की मौत हो गई थी। सोमवार की दोपहर उनका पार्थिव शरीर यहां पुलिस लाइन लाया गया। इस दौरान परिवारजन भी मौजूद रहे। पिता प्रेम सिंह, माता मंजू देवी व पत्नी अनु का रो-रोकर बुरा हाल रहा। इस दौरान हर्ष की बहन अनामिका ने उसकी शहादत की देर से मिली सूचना पर सवाल उठाया।
उनका कहना है कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें काफी देर बाद मुठभेड़ की जानकारी दी। इसके साथ ही मुठभेड़ की पुलिस की थ्योरी भी फिलहाल उन्होंने गले नहीं उतरने की बात कही। उन्होंने कहा कि मंगलवार को हर्ष के पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार के बाद वह अगला कदम उठाएंगे। फिलहाल उनका ये अगला कदम क्या होगा, इस बाबत उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार किया। उनका कहना है कि हर्ष की शहादत के बाद से पूरा परिवार सदमे में डूबा है।
सोचने-समझने की शक्ति भी खोई सी है लेकिन इसको लेकर वह खामोश नहीं रहेंगे और मंगलवार के बाद अपना अगला कदम उठाएंगे। कुल मिलाकर स्थानीय पुलिस की लापरवाही यहां शहीद हर्ष के परिवारजनों के निशाने पर है, इसमें कोई दो राय नहीं। अब देखना यही होगा मंगलवार को हर्ष के परिजन इस मामले में किस स्तर पर और क्या मांग करते हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार सिपाही हर्ष चौधरी का बदमाशों से करीबी आमना-सामना हुआ था। हिस्ट्रीशीटर शिव अवतार ने बचने के लिए मात्र चार फिट की दूरी से 315 बोर की गोली हर्ष के सीने में उतार दी थी। गोली लगने से सिपाही का बायां फेफड़ा, लीवर और शरीर के आंतरिक अंग छलनी हो गए। अत्यधिक खून बहने से ही मौत होने की पुष्टि की गई।
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