उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी (Ali Zaidi) ने सोमवार को बड़ा खुलासा किया है। शिया वक्फ बोर्ड की संपत्तियों (Shia Waqf Properties) पर माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) और मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने भी कब्जा करा लिया था। अली जैदी ने बताया कि प्रयागराज के इमामबाड़े की वक्फ संपत्ति को मुतवल्ली की मिलीभगत से अतीक अहमद ने अवैध तरीके से कब्जा कर लिया था।
सीबीआई जांच की मांग
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी के नाम गलत तरीके से पूर्व की सरकारों और पूर्व चेयरमैन की मिलीभगत से लखनऊ में करोड़ों रुपये की संपत्ति दर्ज करा दी गई थी। इन मामलों की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देकर सीबीआई जांच की मांग की गई है। जांच होने पर कई और मामले भी खुल सकते हैं।
अली जैदी ने बताया कि उनके पास दो शिकायतें आईं, जिसमें एक प्रयागराज के गुलाम हैदर इमामबाड़े की थी, इसमें माफिया अतीक अहमद ने इमामबाड़े को तोड़कर कांप्लेक्स बनवा लिया था। दूसरी शिकायत लखनऊ में थाना सहादतगंज अंतर्गत वक्फ दारोगा मीर अली की संपत्ति की थी।
मुख्तार अंसारी ने पत्नी के नाम कराई थी प्लाटिंग
उन्होंने बताया कि इसमें मुख्तार अंसारी ने कब्जा कर अपनी पत्नी के नाम से प्लाटिंग कर दी थी। अली जैदी ने कहा कि पूर्व चेयरमैन और वहां के पूर्व मुतवल्ली की मिलीभगत से माफिया को कब्जा दिलाया गया। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियां माफिया के लिए सबसे आसान रहती हैं। कई जगहों पर इन माफिया का अवैध निर्माण में भी पैसा लगा है।उन्होंने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड ने इन सब शिकायतों को मुख्यमंत्री और शासन को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया है और उन्हें शक है कि इस तरह की संपत्तियों पर कब्जे के कई और खुलासे हो सकते हैं।
अली जैदी ने बताया कि नवंबर 2021 में शिया वक्फ बोर्ड का निर्विरोध चुनाव जीतने के बाद आज तक बोर्ड की आय में चार गुणा की वृद्धि हो चुकी है। अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि वक्फ संपत्तियों पर अवैध निर्माण पूरी तरह रोक दिया गया है। वक्फ जमीनों की अवैध बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। भ्रष्टाचार में लिप्त मुतवल्लियों को वक्फ बोर्ड ने हटा दिया है।
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