गीता प्रेस (Gita press) मामले को लेकर अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. बलरामपुर में सीएम योगी ने कहा कि गीता प्रेस को मिला यह सम्मान 100 करोड़ हिंदूओं का सम्मान है और इसे कांग्रेस पचा नहीं पा रही है. सीएम योगी ने कहा कि आज वैश्विक मंच पर जहां कहीं संकट होता है, दुनिया संकटमोचक के रूप में प्रधानमंत्री मोदी की तरफ देखती है. आशाओं भरी नजरों से भारत की तरफ देखती है दुनिया.
उन्होंने कहा कि गीता प्रेस सस्ते मूल्य पर बिना किसी सरकारी सहयोग के धार्मिक साहित्य गीता, वेद, रामायण, रामचरितमानस सहित हर प्रकार के धार्मिक साहित्य का प्रकाशन का प्रमुख केंद्र रहा है. यह पिछले 100 वर्षो से सनातन हिंदू धर्म की सेवा कर रहा है. सनातन हिंदू धर्म मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है. सर्वे भवन्तु सुखिनः का संदेश देता है. वसुधैव कुटुंबकम का संदेश सनातन हिंदू धर्म देता है,इसके प्रकाशन के प्रमुख केंद्र को गांधी पीस प्राइज़ मिलना गर्व की बात है.
सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों को अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति न हो,जो लोग अपने आपको एक्सीडेंटल हिंदू कहते हों, उनके वर्तमान वंशज गीता प्रेस को मिले इस सम्मान को नहीं पचा पा रहे हैं. उनको लगता है गीता प्रेस को सम्मान क्यों दिया गया. गीता प्रेस को मिलने वाला सम्मान दुनिया के 100 करोड़ हिन्दुओं का सम्मान है. इसको कांग्रेस पचा नहीं पा रही. कांग्रेस अपने आपको देश के सबसे पुराने दल के रूप मे बताने का प्रयास करती है. उस कांग्रेस के लोग अपने विरासत पर इतना गंदा रवैया रखते हों, इससे बड़ी निर्लज़्ज़ता की बात नहीं हो सकती. इसीलिए मैं आह्वान करना चाहता हूं कि हमें अपने विरासत का सम्मान करना चाहिए, इसीलिए आज का कार्यक्रम थारु जनजातियों के विरासत के सम्मान करने का कार्यक्रम है.
बता दें कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार अवॉर्ड देने का विरोध कांग्रेस पार्टी ने किया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने की तुलना सावरकर और गोडसे से की है. इसके बाद इस मुद्दे पर सियासत हो रही है.
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