कहते है दुनिया में शिक्षक का कद सबसे बड़ा होता है. लेकिन जब वही शिक्षक अपनी ही गरिमा से खिलवाड़ करने लगे तो समाज में इससे शर्मनाक बात नहीं हो सकती. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले आया है. जहां पर शिक्षकों ने अपने पद की गरिमा को भूलते हुए सोशल साइट पर राजनैतिक चर्चा के मज़े ले रहे थे. जिसके बाद उन फेसबुकिया शिक्षकों पर गाज गिरी है. इन शिक्षकों की शिकायत विभागीय अफसर से लोगों ने की. इसके बाद ये बात जिलाधिकारी तक पहुंची और उन्होंने बीएसए को कार्रवाई करने के आदेश दिए.
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डीएम ने शिक्षकों को किया निलंबित
प्राथमिक विद्यालय नेकनामपुर, रोहनियां के सहायक अध्यापक रवींद्र कुमार कनौजिया, पूर्व माध्यमिक विद्यालय पूरे गोपाल, राही के सहायक अध्यापक राजेश शुक्ला, प्राथमिक विद्यालय कुंदनगंज के प्रधानाध्यापक निरंकार शुक्ला सोशल मीडिया खासकर फेसबुक पर हद से ज्यादा सक्रिय मिले. राजनैतिक टिप्पणियां करने के चलते इन्हें चिह्नित किया गया. फिर डीएम नेहा शर्मा के आदेश पर के बीएसए ने इन्हें निलंबित कर दिया. निर्वाचन आयोग ने पहले ही सरकारी कर्मियों को आगाह कर दिया था कि राजनैतिक गतिविधियों से दूर रहे हैं. फिर चाहे वो सोशल मीडिया हो या फिर नेताओं के घर निजी कार्यक्रम. बीएसए पी एन सिंह ने बताया कि आचार संहिता उल्लंघन पर तीनों शिक्षकों को निलंबित किया गया है. साथ ही अन्य शिक्षकों को भी इस आशय की हिदायत दे दी गई है.
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सोशल मीडिया पर निकाल रहे थे मन की भड़ास
जिन तीन लोगों पर कार्रवाई हुई है. वे लोग फेसबुक पर खूब सक्रिय रहते हैं. अपनी-अपनी विचारधारा और मंतव्य वाले तरह-तरह के पोस्ट डालते रहते थे. बीते दिनों से उन पर शिकंजा कसता जा रहा था. एक शिक्षक बछरावां में बीते दिनों गायब रहने से सुर्खियों में आए थे. बता दें सोशल मीडिया पर सभी की मॉनीटरिग की जा रही है.
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