उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh) जनपद से गिरफ्तार आईएसआईएस के 2 आतंकियों (ISIS Two Terrorists) अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक को लेकर बड़ी बात सामने आई है। एटीएस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अब्दुल्ला अर्सलान ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पेट्रो केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। वहीं, माज बिन तारिक बी. कॉम की पढ़ाई कर चुका है। दोनों कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित होकर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से आइएसआइएस के आतंकी नेटवर्क से जुड़े थे और दोनों ने उसमें शामिल होने की शपथ भी ली थी।
विस्फोटक व बम बनाने के उपकरण जुटा रहे थे दोनों
एटीएस अफसरों के मुताबिक, दोनों आरोपी विस्फोटक व बम बनाने के अन्य उपकरण जुटा रहे थे। प्रदेश में बड़ी आतंकी घटना की साजिश रच रहे थे। एटीएस इनसे जुड़े कुछ अन्य आतंकियों की तलाश भी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि आतंकी अन्य राज्यों के बड़े शहरों में भी घटनाएं करने की योजना बना रहे थे। उनके निशाने पर कई प्रमुख हस्तियां भी थीं। इनमें नेता व अभिनेता भी शामिल बताए जा रहे हैं। इसे लेकर भी अब छानबीन तेज की गई है।
एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल ने बताया कि अब्दुल्ला व तारिक खुद से ही कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित होकर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से आइएसआइएस के आतंकियों से जुड़े थे। दोनों से पूछताछ में सामने आया कि इनकी तरह अन्य युवकों को जोड़कर जिहाद के लिए माड्यूल तैयार किया जा रहा है। आइएसआइएस के हैंडलर इन्हें उत्तर प्रदेश में आतंकी घटना के लिए तैयार कर रहे थे। मुंबई एटीएस ने बीते दिनों आतंकी शहनवाज व रिजवान को गिरफ्तार किया था।
आईएसआईएस की विचारधार से थे प्रेरित
जांच में सामने आया था कि यह ग्रुप आइएसआइएस के पुणे माड्यूल से जुड़ा था। शहनवाज व रिजवान का कनेक्शन एएमयू के छात्र संगठन एसएएमयू (स्टूडेंट्स आफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) से जुड़े कुछ छात्रों से हैं जो आइएसआइएस की विचाराधारा से प्रेरित हैं और देश विरोधी षड्यंत्रों में शामिल हैं।
एटीएस ने इस तथ्यों की जांच के बाद तीन नवंबर को लखनऊ स्थित अपने थाने में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। गहन विवेचना के बाद एटीएस ने रविवार को अब्दुल्ला अर्सलान व माज बिन तारिक को अलीगढ़ से अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया।
पूछताछ में हो सकता है बड़े नेटवर्क का खुलासा
दोनों आरोपितों के कब्जे से आइएस के साहित्य से भरी पेन ड्राइव बरामद हुई। दोनों के मोबाइल फोन व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरणों की जांच में सामने आया कि दोनों देश विरोधी व आतंकी गतिविधियों वाले कई ग्रुपों से जुड़े हैं। वाट्सएप व इंटरनेट मीडिया के अन्य प्लेटफार्म का प्रयोग कर आइएसआइएस के प्रतिबंधित साहित्य का आदान-प्रदान किया जा रहा था। दोनों आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। दोनों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। उनके अन्य साथियों की तलाश भी की जा रही है।
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