UP में 10 सीनियर IAS अफसरों का तबादला, वेटिंग में डाले गए मनोज सिंह, कई अधिकारियों के विभागों की छंटनी

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल करते हुए रविवार को दस आईएएस अधिकारियों के तबादले (10 IAS Transfer) किए हैं, जबकि दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इसमें प्रमुख रूप से वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को उनके सेवानिवृत्ति से मात्र डेढ़ महीने पहले प्रतीक्षारत कर दिया गया है। उनकी जिम्मेदारी अब श्रम एवं सेवायोजन और खनन विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार तृतीय को सौंप दी गई है।

प्रमुख तबादले

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. राजशेखर से नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, पीएम कृषि सिंचाई योजना के स्टेट नोडल अधिकारी, और उत्तर प्रदेश भूमि सुधार निगम का चार्ज वापस ले लिया गया है। अब वे केवल उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) के प्रबंध निदेशक का पद संभालेंगे। इन विभागों का कार्यभार अब सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव अनिल गर्ग को सौंपा गया है।

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रवि रंजन से उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम और यूपी एग्रो के प्रबंध निदेशक का पद वापस लिया गया है, हालांकि वे यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन के पद पर बने रहेंगे। राज्य पर्यटन विकास निगम के एमडी पद पर प्रतीक्षारत चल रहीं सान्या छाबड़ा को नियुक्त किया गया है।

नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की विशेष सचिव और जल निगम की संयुक्त प्रबंध निदेशक प्रणता ऐश्वर्या से भी ये विभाग वापस लेकर उन्हें यूपी एग्रो का प्रबंध निदेशक बनाया गया है। खाद्य एवं रसद विभाग के विशेष सचिव प्रभाष कुमार को अब नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग और जल निगम (ग्रामीण) के संयुक्त प्रबंध निदेशक का प्रभार सौंपा गया है।

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अन्य महत्वपूर्ण नियुक्तियां

विशेष सचिव उदय भानु त्रिपाठी को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से नगर विकास विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है, जबकि आगरा मंडल की अपर आयुक्त डॉ. कंचन सरन को राज्य महिला आयोग का सचिव नियुक्त किया गया है।

निलंबन की कार्यवाही

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी विवेक राय और उन्नाव के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. अनिल माथुर को स्लॉटर हाउस को एनओसी जारी करने में अनियमितताओं के कारण निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि ये अनियमितताएं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष मनोज सिंह के कार्यकाल में सामने आई थीं, जिस कारण शासन ने उन्हें भी अपर मुख्य सचिव वन के पद से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया है।

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