महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) में दरार आ गई है, जब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने शनिवार को शिवसेना (Shivsena UBT) से संबंध तोड़ने का फैसला किया। सपा ने यह कदम बाबरी मस्जिद के विध्वंस को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं द्वारा दिए गए बयानों और एक समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन की सराहना किए जाने के बाद उठाया।
सपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अबू आजमी ने कहा, “शिवसेना (यूबीटी) द्वारा एक विज्ञापन दिया गया था, जिसमें बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने वालों को बधाई दी गई। उनके (उद्धव ठाकरे के) करीबी सहयोगी ने भी मस्जिद के विध्वंस की सराहना करते हुए X पर पोस्ट किया है। हम अब MVA छोड़ रहे हैं। मैं इस मुद्दे पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात कर रहा हूं।” उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर एमवीए में कोई ऐसी भाषा बोलता है, तो भाजपा और उसमें क्या अंतर है? हमें उनके साथ क्यों रहना चाहिए?”
समाजवादी पार्टी का यह कदम शिवसेना (यूबीटी) के नेता मिलिंद नार्वेकर द्वारा बाबरी मस्जिद के विध्वंस की तस्वीर पोस्ट करने और इसमें शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के एक कथन को शामिल करने के बाद उठाया गया। नार्वेकर ने अपने पोस्ट में लिखा था, “मुझे उन लोगों पर गर्व है जिन्होंने ऐसा किया।” इस पोस्ट में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और मिलिंद नार्वेकर की तस्वीरें भी थीं।
इस बीच, महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में निर्णायक जीत हासिल की थी। महायुति ने 288 में से 230 सीटें जीतीं, जिसमें भाजपा ने 132, शिवसेना ने 57, और राकांपा ने 41 सीटें जीतीं। वहीं, एमवीए केवल 46 सीटें ही प्राप्त कर सकी, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 20, शरद पवार की एनसीपी ने 0, और कांग्रेस ने 16 सीटें जीतीं।
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