उत्तर प्रदेश में अमेठी (Amethi) जिले के पीपरपुर क्षेत्र में हाल में हुई बैंक कर्मचारी से 26 लाख रुपये की लूट के मामले में पूछताछ के मकसद से हिरासत में लिये गये एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी. मृतक के परिजन ने पुलिस पर हिरासत में प्रताड़ना देने और जहर खिलाने का आरोप लगाया है. यही नहीं आरोप है कि घटना को छिपाने के लिए पुलिस मृत अधेड़ को लेकर जिला अस्पताल पहुंची, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला अस्पताल और पोस्टमार्टम हाऊस में बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. उधर मामले में जिले की एसपी (SP) ख्याति गर्ग ने पुलिस कस्टडी में मौत को सिरे से नकार दिया है.
वहीं, एडीजी जोन लखनऊ एसएन साबत ने कहा कि, मामला संज्ञान में आया है. मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार के निर्देश पर क्राइम ब्रांच प्रभारी, पीपरपुर थाने की पुलिस समेत 15 पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज किया गया है. कोतवाली नगर में आरोपी पुलिसकर्मियों पर आईपीसी की धारा 302, 392, 452, 504 के तहत कार्रवाई की गई है. कार्रवाई के बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए हैं. पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराने में जुट गई है.
5 अक्टूबर को हुई थी 26 लाख की लूट
दरअसल 5 अक्टूबर को पीपरपुर थाना क्षेत्र के परसोइया गांव के पास बाइक सवार बदमाशों ने कार सवार बैंककर्मियों पर फायरिंग कर 26 लाख रुपए लूट लिये. दिन-दहाड़े हुई लाखों की लूट से खाकी पर सवालिया निशान खड़े हो गए. इसके बाद आईजी अयोध्या रेंज से लेकर आईजी लॉ एंड ऑर्डर ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और घटना के जल्द खुलासे के लिए अधिकारियों को आदेश दिया.
अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम ने बताया कि पिछली पांच अक्टूबर को पीपरपुर थाना क्षेत्र के परसोईया इलाके में यूको बैंक की दूसरी शाखा में धन डालने जा रहे शाखा प्रबन्धक से हुई 26 लाख रुपये की लूट के मामले में पुलिस तथा स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने सत्य प्रकाश शुक्ला (50) तथा उनके बेटों को 28/29 अक्टूबर की रात करीब दो बजे घर से हिरासत में लिया था. उन्होंने बताया कि शुक्ला ने दबिश के दौरान अपने घर में ही जहर खा लिया. रास्ते में तबीयत खराब होने पर उसे सुलतानपुर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. पुलिस हिरासत में अधेड़ की मौत के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया.
भाई ने लगाए पुलिस पर थर्ड डिग्री देने का आरोप
वहीं मृतक सत्य प्रकाश शुक्ला के अध्यापक भाई ने आरोप लगाया है कि देर रात बड़ी संख्या के पुलिस उनके घर पहुंची और उनके भाई को हिरासत में लेकर थाने आई. इस दौरान उन्हें और सत्य प्रकाश के बेटे को भी पुलिस ने पकड़ लिया. काफी मिन्नतों के बाद उन्हें छोड़ा. उन्होंने कहा कि इसके बाद पुलिस की थर्ड डिग्री से सत्य प्रकाश की मौत हो गई. वहीं सत्य प्रकाश के बेटे का कहना है कि पुलिस टीम में करीब 10 से 12 लोग थे, इन्होंने उनके पिता की रास्ते में ही पिटाई शुरू कर दी थी. उनके पिता की पीटे जाने से मौत हुई है.
एसपी ने आरोपों का नकारा
उधर मामले में जिले की एसपी (SP) ख्याति गर्ग ने पुलिस कस्टडी में मौत को सिरे से नकार दिया है. एसपी ख्याति गर्ग ने कहा है कि कुछ दिन पूर्व बैंक कर्मचारी से 26 लाख रूपये की लूट के मुखबिरी करने पर सत्य प्रकाश शुक्ला उर्फ साजन शुक्ला का नाम प्रकाश में आया था.
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