कासगंज हत्याकांड: चंदन गुप्ता को मिलेगा इंसाफ! 28 दोषियों को सुनाई जाएगी सजा

Kasganj Chandan Gupta Murder Case: 6 साल, 11 महीने और 23 दिन के लंबे इंतजार के बाद आज कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड के दोषियों को सजा मिल सकती है। लखनऊ की एनआईए स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में 28 आरोपियों को दोषी करार दिया था। आज कोर्ट में इन दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। यह कांड 26 जनवरी 2018 को कासगंज जिले में उस वक्त हुआ था जब चंदन गुप्ता तिरंगा यात्रा में शामिल हो रहे थे।

तिरंगा यात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झगड़ा हुआ और उस दौरान चंदन गुप्ता को गोली मार दी गई थी। इस घटना के बाद कासगंज में जबरदस्त हिंसा, तोड़फोड़, आगजनी और पथराव हुआ था, जिससे पूरे जिले में तनाव फैल गया था। चंदन के परिजनों ने इस मामले में दोषियों को सजा दिलाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।

सजा का ऐलान आज, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
कासगंज में तनाव को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और प्रशासन चौकस हैं ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो। एनआईए कोर्ट के जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने गुरुवार को दोषियों के खिलाफ फैसला सुनाते हुए 28 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जबकि दो आरोपियों नसीरुद्दीन और असीम कुरैशी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।

आरोपियों की पहचान
इस मामले में जिन आरोपियों को दोषी ठहराया गया है, उनमें आसिफ कुरेशी उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, मुनाजिर रफी, आमिर रफी, सलीम, वसीम, बबलू, अकरम, मोहसिन, राहत, सलमान, शमशाद, इमरान, और शाकिर समेत 28 लोग शामिल हैं। इन सभी पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप हैं, जिनमें हत्या (302/149), हत्या की कोशिश (307/149), सांप्रदायिक हिंसा (147, 148) और अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं।

कासगंज हिंसा और चंदन गुप्ता की हत्या
26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई थी। इसी हिंसा में चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस कांड ने न केवल कासगंज बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में हलचल मचाई थी और पूरे देश में गुस्से का माहौल बना था। चंदन के परिवार ने इस मामले में न्याय पाने के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया।

आरोपी बरी होने वाले और मृतक आरोपी
एनआईए कोर्ट ने नसीरुद्दीन और असीम कुरैशी को बरी कर दिया है, क्योंकि इन दोनों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले थे। वहीं, एक और आरोपी अजीजुद्दीन की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी, जिसके कारण उसका मामला बंद कर दिया गया।

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