Sambhal Violence: संभल हिंसा में मास्टरमाइंड कौन? पुलिस की चार्जशीट में सामने आईं चौंकाने वाली बातें

Sambhal Violence Police Chargesheet: संभल हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने करीब 3000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इसमें खुलासा हुआ है कि दुबई में बैठे गैंगस्टर शारिक साठा का इस हिंसा में हाथ था और उसे संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क का सपोर्ट था। पुलिस कह रही है कि शारिक ने हिंसा को भड़काया और जामा मस्जिद के सर्वे को रुकवाने के लिए लोगों को उकसाया। साथ ही वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या की भी साजिश रची गई थी।

79 लोगों के खिलाफ चार्जशीट

इस हिंसा में पुलिस ने 79 लोगों को गिरफ्तार किया था, और उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं जैसे बलवा, आगजनी, और गोलीबारी। एसपी केके बिश्नोई ने बताया कि शारिक साठा गैंग का एक सदस्य मो. गुलाम पहले भी 2014 में सपा विधायक के बेटे पर गोली चला चुका था।

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शारिक साठा गैंग का नेटवर्क

एसआईटी ने हिंसा के दौरान मो. गुलाम को गिरफ्तार किया, जो शारिक साठा गैंग का हिस्सा था। पुलिस ने उसके पास से कई हथियार और विदेशी कारतूस बरामद किए। गुलाम ने बताया कि शारिक साठा गैंग गाड़ियों की चोरी और हथियारों की तस्करी करता था। शारिक खुद दुबई से इन सब कामों को ऑपरेट करता था और गुलाम भारत में इन गतिविधियों को अंजाम देता था।

जामा मस्जिद को बचाने के लिए हिंसा

गुलाम ने यह भी बताया कि हिंसा का एक कारण जामा मस्जिद को बचाना था, क्योंकि उसे बाबर द्वारा बनाई गई ऐतिहासिक निशानी माना जाता है। उसने कहा, “हमारे नेता कहते थे कि जामा मस्जिद का सर्वे किसी भी हालत में नहीं होने देना है।”

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शारिक साठा का दुबई कनेक्शन

शारिक साठा दुबई में बैठकर अपना गैंग चला रहा था। उसने जाली पासपोर्ट बनवाकर वहां का रुख किया था, और भारत में अपनी गैंग के जरिए तमाम आपराधिक गतिविधियां चला रहा था, जैसे हथियारों की तस्करी और चोरी की गाड़ियों की सप्लाई।

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