केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज के तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) कार्यक्रम में शामिल होने वाले 2,200 विदेशी नागरिकों को काली सूची में डाल दिया है और इनके अगले दस वर्षों के लिए भारत आने पर प्रतिबंध लगा दिया है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने गृह मंत्रालय के हवाले से गुरुवार को यह खबर दी है. मार्च के महीने में राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन के तबलीगी जमात में बड़ा धार्मिक जमावड़ा हुआ था जो देश में कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बनकर उभरा था.
जानकारी के मुताबिक, ये नागरिक टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल हुए थे. इन नागरिकों को वीजा नियकों का उल्लंघन करने के लिए 10 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया. बताया जा रहा है कि 2200 से अधिक विदेशी तबलीगी जमात के सदस्य हैं, जिन्होंने भारत का दौरा किया और पूरे देश में तबलीगी गतिविधियों में पर्यटक वीजा पर भाग लिया. इन्हें 10 साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि संख्या और बढ़ सकती है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लैकलिस्ट किए गए 2200 विदेशियों में माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, जिबूती, तंजानिया, दक्षिण, अफ्रीका, म्यांमार, थाईलैंड, बांग्लादेश, यूके (OCI कार्ड धारक) ऑस्ट्रेलिया और नेपाल के नागरिक शामिल हैं. इनपर अगले 10 साल तक भारत में आने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
541 जमातियों के खिलाफ चार्जशीट दायर
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बीते 28 मई को तबलीगी जमात से जुड़े तीन देशों के 541 विदेशी नागरिकों के खिलाफ दिल्ली की साकेत कोर्ट में 12 आरोप पत्र दायर किए. कोर्ट 25 जून को मामले की सुनवाई करेगी. दिल्ली पुलिस इससे पहले 32 देशों के 374 विदेशी नागरिकों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर चुकी है. अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि तबलीगी जमात के सदस्यों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने वीजा नियमों एवं महामारी संबंधी कानून के तहत सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया तथा ऐसी लापरवाही की जो जानलेवा बीमारी फैलाने की वजह बन सकती है.
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