लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक विस्तार के तहत 70 जिला और महानगर अध्यक्षों की घोषणा के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया तेज हो गई है। नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कई नामों की चर्चा है, और मौजूदा सरकार के कई मंत्री व वरिष्ठ नेता दिल्ली तक अपनी दावेदारी पेश करने में जुटे हैं।
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों की तरह इस बार भी OBC चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। पिछले दो चुनावों में OBC नेताओं की अगुआई में भाजपा को बड़ी सफलता मिली थी। 2017 में केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में बीजेपी ने 312 सीटें जीती थीं, जबकि 2022 में कुर्मी समाज से आने वाले स्वतंत्र देव सिंह की अगुआई में पार्टी ने 255 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार भी पार्टी ऐसे नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है, जो 2027 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मजबूत स्थिति में ला सके।
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हालांकि, पार्टी के कुछ नेता मानते हैं कि ब्राह्मण समाज की नाराजगी को दूर करने के लिए इस बार प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए ब्राह्मण चेहरे पर भी दांव लगाया जा सकता है। इस संदर्भ में पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी, पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा और प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक के नाम चर्चा में हैं। डॉ. दिनेश शर्मा सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं, क्योंकि वे न सिर्फ केंद्रीय नेतृत्व बल्कि सीएम योगी आदित्यनाथ की भी पसंद बताए जा रहे हैं।
पार्टी में नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए विभिन्न नामों पर मंथन किया जा रहा है। यदि OBC चेहरे पर दांव लगाया जाता है, तो केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, सांसद बाबू राम निषाद और प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य के नाम चर्चा में हैं।
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स्वतंत्र देव सिंह: मौजूदा जलशक्ति मंत्री हैं और कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं। उनका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अच्छा तालमेल है। धर्मपाल सिंह: लोध जाति से आते हैं और एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री उनका समर्थन कर रहे हैं।बीएल वर्मा: केंद्रीय मंत्री हैं और संगठन में मजबूत पकड़ रखते हैं।अमरपाल मौर्य: प्रदेश महामंत्री हैं और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की पसंद बताए जा रहे हैं।यदि भाजपा ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाती है, तो डॉ. दिनेश शर्मा सबसे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं। इसके अलावा दलित नेता को भी प्रदेश अध्यक्ष बनाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
भाजपा के संविधान के अनुसार, 50% से अधिक जिलाध्यक्षों की घोषणा के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव संभव होता है। अब तक 71% जिलाध्यक्ष घोषित किए जा चुके हैं, जिससे जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की संभावना बढ़ गई है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को चुनाव अधिकारी बनाया गया है, और वे जल्द ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेंगे।
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प्रदेश अध्यक्ष वही नेता बनेगा, जिसकी अगुआई में बीजेपी 2027 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इस बार भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा, इसलिए ऐसा चेहरा चुना जाएगा, जिसका मुख्यमंत्री से बेहतर तालमेल हो और जो आगामी चुनाव में भाजपा को मजबूत स्थिति में ला सके।संभावना है कि इस महीने के अंत तक नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी।
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