गर्मियों में शिक्षकों को राहत, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को समर कैंप की जिम्मेदारी

गर्मी की छुट्टियों में अब परिषदीय विद्यालयों के नियमित शिक्षकों को राहत मिलेगी। शिक्षा विभाग ने इस बार समर कैंप का दायित्व शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को सौंपा है। ये कैंप 21 मई से 15 जून तक चलेंगे और बच्चों के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित होंगे।

कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए खास कार्यक्रम

समर कैंप विशेष रूप से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के सामाजिक, सांस्कृतिक और मानसिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

प्रत्येक शिक्षामित्र को मिलेगा मानदेय

शासन ने समर कैंप में योगदान देने वाले शिक्षामित्रों के लिए 6000 रुपये मानदेय की घोषणा की है। इससे न केवल शिक्षामित्रों को आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ेगा।

कई तरह की रचनात्मक गतिविधियाँ होंगी शामिल

समर कैंप में खेलकूद, कला, विज्ञान, संगीत और नृत्य जैसी रचनात्मक गतिविधियों को शामिल किया गया है। बच्चों के आत्मविश्वास और जीवन कौशल को निखारने के उद्देश्य से इन गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।

समर कैंप का समय और संचालन व्यवस्था

कैंप का संचालन प्रतिदिन सुबह 7:30 बजे से 10:30 बजे तक किया जाएगा। हर विद्यालय में दो शिक्षामित्र या अनुदेशक नियुक्त किए जाएंगे जो कैंप की पूरी जिम्मेदारी संभालेंगे।

स्वयंसेवकों और स्नातक छात्रों का भी लिया जाएगा सहयोग

समर कैंप को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए स्नातक छात्र-छात्राएं, एनसीसी प्रमाण पत्र धारक और स्वयंसेवी संगठनों का भी सहयोग लिया जा सकता है। इससे बच्चों को विभिन्न दृष्टिकोणों से सीखने का अवसर मिलेगा।

बच्चों को सिखाए जाएंगे सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्य

समर कैंप का एक प्रमुख उद्देश्य बच्चों में सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की समझ विकसित करना है। इसके लिए विभिन्न समूह गतिविधियाँ और प्रस्तुतियाँ आयोजित की जाएंगी।

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