छांगुर बाबा के खिलाफ फतवा जारी, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बोले – ऐसे लोगों का बहिष्कार करें

बलरामपुर (Balrampur) के जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा (Changur Baba) के खिलाफ बरेलवी मसलक से जुड़े उलेमा ने बड़ा कदम उठाया है। आल इंडिया मुस्लिम जमात (All India Muslim Jamaat) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी (Maulana Shahabuddin Razvi Barelvi) ने छांगुर बाबा के कृत्यों को देखते हुए जुबानी फतवा जारी किया है। मौलाना के अनुसार, समाज में उठ रहे सवालों के मद्देनज़र यह फतवा जारी करना आवश्यक हो गया था, जिसमें छांगुर बाबा जैसे व्यक्तियों से दूरी बनाए रखने और उनके सामाजिक बहिष्कार की अपील की गई है।

धर्मांतरण के पीछे लालच और दबाव का आरोप

मौलाना रजवी ने स्पष्ट किया कि छांगुर बाबा ने संगठित तरीके से धर्मांतरण कराए, जिसमें लालच और दबाव का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने दावा किया कि बाबा न केवल धर्म परिवर्तन करवा रहा था बल्कि दूसरी मजहब की लड़कियों की शादी मुस्लिम लड़कों से करवाने की साजिश भी रचता था। साथ ही, उसने अपने घर में एक कब्र बनवा रखी थी और युवाओं की एक टोली खड़ी की थी जो उसके इशारों पर काम करती थी।

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इस्लाम में जबरन धर्मांतरण की मनाही

फतवे में इस बात पर जोर दिया गया कि इस्लाम धर्म में किसी को जबरन या लालच देकर धर्म बदलवाना नाजायज़ है। मौलाना ने पैगंबर मोहम्मद की जीवनी का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने कभी किसी को जबरदस्ती इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर नहीं किया। इस्लाम की शिक्षाएं प्रेम, शांति और सौहार्द पर आधारित हैं, न कि दबाव और प्रलोभन पर।

धर्म प्रचार वैध, जबरन धर्मांतरण अवैध: मौलाना रजवी

मौलाना रजवी ने स्पष्ट किया कि किसी भी धर्म के प्रचार-प्रसार की अनुमति है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि दूसरे धर्म के मानने वालों को उनका विश्वास छोड़ने पर मजबूर किया जाए। इस्लाम में जबरदस्ती, धोखे या लोभ के ज़रिये धर्म परिवर्तन कराना पूरी तरह से मना है। छांगुर बाबा की गतिविधियां इस्लामी उसूलों के खिलाफ हैं और इस्लाम की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली हैं।

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 बहिष्कार की अपील

फतवे में मौलाना ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि वे छांगुर बाबा जैसे लोगों से दूरी बनाएं और उनका सामाजिक बहिष्कार करें। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग इस्लाम की शिक्षाओं को बदनाम करते हैं और समाज में फूट डालते हैं। इस्लाम में ऐसे गुनहगारों के लिए कोई जगह नहीं है और उन्हें इंसाफ के कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए।

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