भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन (C.P. Radhakrishnan) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने इसकी आधिकारिक घोषणा की। वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी साझा की।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक और सामाजिक जीवन
सी.पी. राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्तूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में हुआ। बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। उनकी राजनीतिक यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से शुरू हुई। 1974 में वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने।वे ओबीसी समुदाय कोंगु वेल्लार (गाउंडर) से आते हैं। उनकी पत्नी का नाम आर. सुमति है।
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भाजपा में सक्रियता और संसदीय करियर
1996 में राधाकृष्णन को भाजपा तमिलनाडु का सचिव बनाया गया। दो साल बाद, 1998 में वे कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए और 1999 में उन्होंने फिर से जीत दर्ज की।संसद में उन्होंने टेक्सटाइल पर स्थायी समिति के अध्यक्ष के तौर पर कार्य किया। इसके अलावा वे पीएसयू समिति, वित्त पर परामर्श समिति और शेयर बाजार घोटाले की जांच समिति के सदस्य भी रहे।साल 2004 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को भारतीय संसदीय दल के हिस्से के रूप में संबोधित किया। वे ताइवान जाने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी रहे।
प्रदेश नेतृत्व और जनआंदोलन
2004 से 2007 तक राधाकृष्णन भाजपा तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने 93 दिनों तक चलने वाली 19,000 किलोमीटर लंबी रथयात्रा निकाली।इस यात्रा में उन्होंने नदियों के आपस में जुड़ाव, आतंकवाद उन्मूलन, समान नागरिक संहिता, छुआछूत समाप्त करने और नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान जैसे मुद्दों को उठाया।उनकी इस यात्रा को उनके राजनीतिक कद को मजबूत करने वाला अहम कदम माना गया। इसके अलावा उन्होंने दो बड़ी पदयात्राएं भी कीं।
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राष्ट्रीय स्तर पर योगदान
2016 से 2020 तक वे कोचीन स्थित कोयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे। उनके कार्यकाल में कोयर निर्यात 2532 करोड़ रुपये के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा। इसके बाद 2020 से 2022 तक वे भाजपा के ऑल इंडिया प्रभारी रहे और उन्हें केरल की जिम्मेदारी सौंपी गई।