गाजियाबाद (Ghaziabad) के मसूरी थाना क्षेत्र स्थित मसौता गांव में रविवार देर शाम दो पक्षों के बीच जोरदार पथराव हुआ, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। घटना के बाद गांव में तनावपूर्ण माहौल है और जातीय तनाव की स्थिति बन गई है। पुलिस ने समय रहते हालात को काबू में किया, लेकिन तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी की तैनाती कर दी गई है। पुलिस ने अब तक 6 लोगों को हिरासत में लिया है और अन्य की पहचान की जा रही है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
यह विवाद शनिवार को उस समय शुरू हुआ जब एक दलित युवक की बाइक गांव के ही राजपूत समुदाय के लोगों की कार से टकरा गई। आरोप है कि कार सवार लोगों ने युवक के साथ मारपीट की। जब युवक अपनी मां को साथ लेकर शिकायत करने गया, तो आरोप है कि दोनों को बंधक बनाकर पीटा गया। पुलिस ने इस मामले में 8 नामजद आरोपियों पर एससी-एसटी एक्ट समेत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
भीम आर्मी के नेताओं के पहुंचने से मामला गरमाया
रविवार को गांव में भीम आर्मी के नेताओं के पहुंचने से मामला और तूल पकड़ गया। जैसे ही राजनीतिक रंग चढ़ा, शाम होते-होते दो पक्षों में पथराव शुरू हो गया। घटना के दौरान लोगों ने अपने घरों में छिपकर जान बचाई। स्थानीय लोगों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शुरू में मामले को हल्के में लिया गया और पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए, जिसके कारण हालात बिगड़ गए।
सीसीटीवी फुटेज से दोषियों की पहचान में जुटी पुलिस
मामले की जांच में जुटी पुलिस गांव में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि पथराव और हमले में शामिल लोगों की पहचान की जा सके। मसूरी के कार्यवाहक सहायक पुलिस आयुक्त अमित सक्सेना ने बताया कि स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गांव में अब भी पुलिस और पीएसी तैनात है ताकि किसी भी संभावित तनाव को रोका जा सके।