रामपुर (Rampur) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) और सांसद मोहिब्बुल्लाह नदवी (Mohibullah Nadvi) के बीच राजनीतिक टकराव अब सबके सामने आ गया है। नदवी ने आजम खान पर कड़ा हमला करते हुए कहा कि उनकी जड़ें रामपुर की मिट्टी में हैं और कोई उन्हें यहां आने से रोक नहीं सकता। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सात पीढ़ियों की कब्रें रामपुर में हैं, जबकि आजम खान के पूर्वज बिजनौर से यहां आए थे। नदवी ने स्पष्ट किया कि जनता ने उन्हें चुना है और कोई भी व्यक्ति जनता को नजरअंदाज करने की कोशिश करे तो उसे जवाब मिलेगा।
तंज और जवाबी हमला
मोहिब्बुल्लाह नदवी का यह बयान आजम खान के बार-बार तंज करने के जवाब में आया। नदवी ने कहा कि उन्होंने लंबे समय तक सब्र किया, लेकिन आजम खान ने उनका सब्र का पैमाना तोड़ दिया। जेल से रिहाई के बाद नदवी ने आजम खान से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात करने की कोशिश की और उनका फोन भी किया, लेकिन आजम ने न तो समय दिया और न ही कॉल उठाया। नदवी ने कुरान का हवाला देते हुए कहा कि जो व्यक्ति दूसरों पर तंज करता है, उसका बुरा अंजाम होता है।
अखिलेश यादव की मध्यस्थता असफल
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी। बुधवार को अखिलेश रामपुर में आजम खान से मिले, लेकिन आजम ने साफ कर दिया कि वे अकेले उनसे मिलना चाहते हैं और कोई और साथ नहीं आए। इसके बाद अखिलेश ने मोहिब्बुल्लाह नदवी को बरेली में ही छोड़ दिया और अकेले आजम से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब दो घंटे तक बंद कमरे में बातचीत हुई, लेकिन इस मुलाकात में हुई बातों का खुलासा किसी ने नहीं किया।
टिकट वितरण ने बढ़ाई खटास
आजम खान की नाराजगी की जड़ लोकसभा चुनाव में नदवी को रामपुर से टिकट दिए जाने में थी। रामपुर में तुर्क और पठान समुदाय के बीच पुरानी खटास रही है। नदवी तुर्क समुदाय से हैं, जबकि आजम खान पठान। आजम खान नदवी को टिकट देने के खिलाफ थे, लेकिन अखिलेश यादव ने उनकी बात नहीं मानी।
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बयानबाजी ने बढ़ाई दूरी
इस टिकट विवाद के बाद नदवी ने कई बार आजम खान के खिलाफ बयान दिए। एक बार उन्होंने तंज कसा था कि आजम खान सुधार गृह में हैं, उम्मीद है वे सुधार कर बाहर आएंगे। इसके चलते दोनों नेताओं के बीच अब इतनी दूरी आ गई है कि वे एक-दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करते।