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वाराणसी में कोडीन सिरप कांड, 100 करोड़ के अवैध नेटवर्क का भंडाफोड़, आरोपी शुभम जायसवाल फरार

UP: वाराणसी पुलिस (Varanasi Police) ने प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार (Codeine syrup scandal) के मुख्य सरगना शुभम जायसवाल (Shumbham Jaiswal) और उनके पिता भोला प्रसाद जायसवाल के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। वाराणसी के 89 दवा कारोबारियों और फर्मों के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त की देखरेख में यह कार्रवाई हुई है। जांच में पता चला कि ऐबट हेल्थकेयर के सुपर स्टॉकिस्ट मेसर्स शैली ट्रेडर्स ने फर्जी नाम और पते के सहारे कई राज्यों में कारोबार किया।

बुधवार को भी 93,000 शीशियां बरामद 

नारकोटिक्स विभाग और पुलिस ने बुधवार को रोहनिया इलाके के एक गोदाम से कोडीन युक्त कफ सिरप की बड़ी खेप जब्त की। जांच में सामने आया कि गोदाम में 500 पेटियों में कुल 93,000 शीशियां रखी थीं। वरुणा जोन के डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि बरामद खेप की कीमत लगभग दो करोड़ रुपये है। गोदाम को आगरा के एक व्यापारी ने किराए पर लिया था। फिलहाल गोदाम के मालिक से पूछताछ की जा रही है।

अंतरराज्यीय गिरोह और फर्जी फर्मों का खुलासा

जांच में यह सामने आया कि शुभम और उनके पिता के नेतृत्व में यह गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर कफ सिरप की तस्करी कर रहा था। वाराणसी के 28 दवा कारोबारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए, जबकि 93 मेडिकल स्टोर के नाम पर 84 लाख शीशी प्रतिबंधित सिरप खरीदी-बेची गई। कई मेडिकल स्टोर वास्तविकता में अस्तित्वहीन निकले। नौ बंद फर्मों के माध्यम से अवैध कारोबार किया गया और कोडीन युक्त सिरप की खरीद-बिक्री के लिए फर्जी फर्में बनाई गई थीं।

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नकली बिल और सेल का खेल

जांच में यह भी पता चला कि कई फर्मों ने नकली बिल का इस्तेमाल कर सिरप की खरीदी-बिक्री दिखाई। उदाहरण के लिए, मेसर्स न्यू पीएल फार्मा ने 2.16 लाख कफ सिरप खरीदी और उसे बंद फर्म श्री बालाजी मेडिकल को बेचना दिखाया, जबकि श्री बालाजी मेडिकल का मालिक आभूषण व्यवसाय करता है। यह दर्शाता है कि फर्मों ने नशीली दवाओं के अवैध कारोबार के लिए फर्जी दस्तावेज और नामों का सहारा लिया।

पुलिस और SIT की कार्रवाई

वाराणसी पुलिस ने 12 से 14 नवंबर के बीच औषधि निरीक्षकों की टीम के साथ जांच की। जांच में शुभम जायसवाल के दो कंपनियों में काम करने का तथ्य मिला, जो लाइसेंसिंग नियमों का उल्लंघन है। SIT का गठन कर इसे और गंभीरता से जांचने की तैयारी की गई है। एडीसीपी काशी जोन आईपीएस सरवणन टी SIT टीम के अध्यक्ष हैं, जबकि एसीपी कोतवाली और SHO कोतवाली भी इसमें शामिल हैं। जांच के दायरे में शुभम की संपत्ति और पिछले 3 सालों की कमाई का हिसाब भी शामिल होगा।

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शुभम जायसवाल फरार

इस कार्रवाई से पहले ही शुभम और उनके पिता फरार हो गए। वाराणसी में उनके घर पर ताला लगा है और यह अनुमान है कि शुभम भारत छोड़कर दुबई चले गए हैं। मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट भी बंद कर दिए गए हैं। पुलिस अब ड्रग विभाग के अफसरों की संभावित मिलीभगत की भी जांच कर रही है, क्योंकि यह काला कारोबार पिछले तीन सालों से चल रहा था। अब तक 102 फर्मों के नाम सामने आए हैं, जिनमें से 28 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

19 नवंबर 2025 को छापेमारी 

19 नवंबर 2025 को रोहनिया क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान में एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF), खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) और स्थानीय पुलिस ने एक जिम के बेसमेंट से लगभग 93,000 शीशियां (500 पेटियों में) कोडीन युक्त कफ सिरप जब्त की। इनकी अनुमानित कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये बताई जा रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह खेप लैबोरेट और एबोट कंपनियों की बताई जा रही है। यह मामला 100 करोड़ रुपये के प्रतिबंधित कफ सिरप के अवैध कारोबार से जुड़ा है, जो झारखंड से वाराणसी होते हुए बांग्लादेश तक फैला हुआ है। यह अंतरराज्यीय नशीली दवा नेटवर्क पिछले तीन साल से सक्रिय है।

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