यूपी पंचायत चुनाव: NOTA और बैलट पेपर पर नाम शामिल करने की मांग, हाईकोर्ट में याचिका दाखिल, सुनवाई आज

UP Panchayat Elections: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों से पहले हाईकोर्ट में एक अहम जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में ग्रामीण मतदाताओं की सुविधा और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने की मांग की गई है। मुख्य रूप से दो मांगे उठाई गई हैं, पंचायत चुनावों में NOTA (नो टेली अवेलेबल) विकल्प लागू करना और बैलेट पेपर पर उम्मीदवार का नाम चुनाव चिन्ह के साथ प्रिंट करना अनिवार्य करना।

ग्रामीण मतदाताओं की पहचान की दिक्कत

याचिका में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता अक्सर सिर्फ चुनाव चिन्ह देखकर उम्मीदवार चुनते हैं। इससे सही प्रत्याशी का चुनाव करना कठिन हो जाता है। अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि बैलेट पेपर पर सिर्फ प्रतीक छपा होने से मतदाता भ्रमित होते हैं और यह उनके वोटिंग अधिकार के ठीक तरीके से उपयोग में बाधक बनता है।

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NOTA विकल्प की मांग

अधिवक्ताओं ने नोटा को लागू करने की भी मांग की है। उनका कहना है कि जैसे लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदाता किसी भी उम्मीदवार को अस्वीकार कर सकते हैं, वैसे ही पंचायत चुनावों में भी ग्रामीण मतदाताओं को यह अधिकार मिलना चाहिए। चूंकि पंचायत चुनाव बैलेट पेपर के माध्यम से होते हैं, इसलिए तकनीकी तौर पर NOTA विकल्प जोड़ना संभव है।

सुनवाई आज लखनऊ में

इस याचिका की सुनवाई आज लखनऊ पीठ में होने वाली है। मामले की प्रारंभिक सुनवाई न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति इंद्रजीत शुक्ला की खंडपीठ के समक्ष होगी। वहीं विस्तृत सुनवाई चीफ जस्टिस दिवाकर प्रसाद सिंह और न्यायमूर्ति बृजेश सिंह की बेंच करेगी।

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चुनाव आयोग का विरोध और याचिकाकर्ता का जवाब

निर्वाचन आयोग ने याचिका पर आपत्ति जताई है कि लगभग 60 करोड़ बैलेट पेपर की आवश्यकता होगी और पहले से छपे हुए मतपत्रों को बदलना मुश्किल है। हालांकि याचिकाकर्ता पक्ष ने इसे खारिज किया है और कहा है कि बैलेट पेपर अभी पूरी तरह से नहीं छपे हैं। उनका कहना है कि नाम और चिन्ह दोनों शामिल करने से ग्रामीण मतदाताओं के लिए वोट करना आसान होगा और चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बन सकेगी।

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