केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने याद किया कि 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को फोन कर यूपी की सरकार की कमान संभालने की सूचना दी थी। गोयल के अनुसार, यह बातचीत अमित शाह के दिल्ली स्थित आवास पर हुई। बीजेपी की यह परंपरा रही है कि कभी-कभी पार्टी नेताओं को भी महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी नहीं होती। इसी शैली का उदाहरण सामने आया, जब नितिन नबीन को अचानक पार्टी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया गया। नितिन नबीन उस समय अपने विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ता सम्मेलन में व्यस्त थे और किसी को भी अंदाजा नहीं था कि उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है।

45 साल की उम्र में सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की तैयारी

सूत्रों के अनुसार, 14 जनवरी के बाद नितिन नबीन को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अगले साल जनवरी में जब वे राष्ट्रीय अध्यक्ष पद संभालेंगे, तब उनकी उम्र केवल 45 वर्ष होगी। इतिहास में अमित शाह 49 साल की उम्र में और नितिन गडकरी 52 साल की उम्र में बीजेपी अध्यक्ष बने थे। अगर नितिन नबीन राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं, तो वे पार्टी के सबसे युवा अध्यक्ष बन जाएंगे। इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी 43 साल की उम्र में भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष बने थे और लाल कृष्ण आडवाणी 45 साल की उम्र में।
बीजेपी के नेता चुनने के चौंकाने वाले फैसले
बीजेपी ने कई बार राजनीतिक और रणनीतिक निर्णय लेकर सभी को चौंकाया है। पार्टी ने राज्यों में मुख्यमंत्री चुनते समय कई बार अप्रत्याशित फैसले लिए हैं।
- मनोहर लाल खट्टर – हरियाणा (2014)

2014 में मोदी लहर के दौरान हरियाणा में जीत के बाद पार्टी ने अप्रत्याशित रूप से मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया। उस समय उनका नाम किसी बड़े राजनीतिक चेहरे के रूप में नहीं लिया जा रहा था।
- योगी आदित्यनाथ – उत्तर प्रदेश (2017)

उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया। उस समय मनोज सिन्हा इस पद के सबसे संभावित उम्मीदवार माने जा रहे थे। आज योगी भाजपा के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों में गिने जाते हैं और उनकी अगुवाई में पार्टी दूसरी बार सत्ता में आई।
- गुजरात में पूरी कैबिनेट बदलाव (सितंबर 2021)

गुजरात में पार्टी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को बनाए रखते हुए उपमुख्यमंत्री सहित पूरी कैबिनेट बदल दी। इसके परिणामस्वरूप अगले चुनाव में राज्य में पार्टी की बड़ी जीत हुई।
- उत्तराखंड में दो बार मुख्यमंत्री बदलाव (2021)

साल 2021 में भाजपा ने उत्तराखंड में एक ही साल में दो बार मुख्यमंत्री बदले। पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत और फिर उन्हें हटाकर पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया।
- महाराष्ट्र में सहयोगी को बढ़ावा (2022)

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा बड़ी पार्टी बनकर भी शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया। पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया।
- राजस्थान और मध्य प्रदेश में अप्रत्याशित निर्णय (2023)

राजस्थान में वसुंधरा राजे के बजाय पहली बार विधायक भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया।

मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के बजाय मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया।
- दिल्ली में पहली बार विधायक को सीएम बनाया गया (2025)

दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पहली बार विधायक रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया। इस दौरान पार्टी में कई वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चा में थे।
- नए चेहरे और रणनीतिक फैसले
बीजेपी ने कई राज्यों में नए नेताओं को अवसर दिया, जैसे:
- गुजरात – भूपेंद्र पटेल

- उत्तराखंड – पुष्कर सिंह धामी

- त्रिपुरा – माणिक साहा

पार्टी के टिकट देने और वापस लेने फैसलों ने सबको चौंकाया
पार्टी ने चुनाव में टिकट देने और वापस लेने के फैसले भी चौंकाने वाले लिए, जैसे पवन सिंह को आसनसोल से टिकट देना और फिर वापस लेना। इसके अलावा, पार्टी ने रणनीतिक कदम भी उठाए, जैसे पहलगाम हमले के बाद देश में जातिगत गणना कराने की घोषणा। इस पूरे विश्लेषण से स्पष्ट है कि बीजेपी की परंपरा रही है कि नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी अचानक निर्णयों से आश्चर्यचकित किया जाता है, और पार्टी अक्सर नए चेहरे या अप्रत्याशित विकल्पों के साथ राजनीतिक रणनीति को आगे बढ़ाती है।
















































