Ballia Murder Case: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलिया (Ballia) में आयुष यादव (Ayush Yadav) की हत्या मामले ने एक संवेदनशील मोड़ ले लिया है। सोशल मीडिया पर आयुष की छोटी बहन का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उसने न्याय न मिलने पर प्रशासन को चुनौती दी है। बहन ने साफ शब्दों में कहा कि अगर हत्यारों पर तुरंत और कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो वह खुद कार्रवाई करने को मजबूर होगी।
बहन का दर्द और गुस्सा
वीडियो में आयुष की बहन बिलखते हुए लेकिन गुस्से में कह रही हैं कि अगर उसके भाई के हत्यारों को सजा नहीं मिली, तो वह उन्हें गोली मारने से नहीं हिचकिचाएगी। उनका यह बयान पुलिस और प्रशासन के लिए गंभीर चेतावनी की तरह है।
हत्या की पूरी घटना
आयुष की हत्या 13 दिसंबर 2025 की शाम घर के पास हुई थी। गोली लगने के बाद खून से लथपथ आयुष ने बहन को हत्यारों के नाम बताए। उसे पहले बलिया जिला अस्पताल ले जाया गया, फिर मऊ और अंत में वाराणसी ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। परिवार ने चार युवकों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
बहन की मांगें और प्रशासन पर दबाव
आयुष की बहन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘जीरो टॉलरेंस’ और ‘बुलडोजर न्याय’ का हवाला देते हुए हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बहन ने कहा कि वह मौत से नहीं डरती और अपने भाई के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। यह बयान पुलिस विभाग में हड़कंप मचा गया है।
आरोपियों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं
परिवार का आरोप है कि पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं। परिजन मानते हैं कि पुलिस की सुस्त कार्रवाई अपराधियों को बचाने का काम कर रही है। यही कारण है कि मासूम बहन ने कानून हाथ में लेने की धमकी दी।
इलाके में तनाव और पुलिस अलर्ट
वीडियो वायरल होने के बाद बलिया पुलिस और जिला प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस का कहना है कि वे निष्पक्ष जांच कर रहे हैं और जल्द ही दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। हालांकि यह घटना फिर से यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है।
आरोपियों की जानकारी
आयुष की हत्या में मऊ के मधुबन थाना क्षेत्र के रॉबिन सिंह, उभांव के पवन सिंह, और कस्बे के राज व रोहित के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज है। चार पुलिस टीमों को आरोपियों को पकड़ने के लिए लगाया गया है। पुलिस संदेह के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
वर्चस्व और गुटबंदी के कारण हुई हत्या
आयुष यादव उर्फ राहुल की हत्या गुटबंदी और वर्चस्व की लड़ाई के चलते हुई। मृतक और आरोपी पहले से कई मामलों में शामिल थे। आयुष वाराणसी से पढ़ाई कर लौटे थे और स्थानीय युवकों के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े थे, जिसमें झगड़ा-लड़ाई जैसी गतिविधियां होती थीं। कुछ समय बाद इस समूह में गुटबंदी बढ़ी और वर्चस्व के लिए संघर्ष शुरू हुआ, जिससे उनकी जान पर बन आई।
















































