यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन समाजवादी पार्टी (Samjwadi Party) के विधायकों ने सरकार के खिलाफ अनोखे अंदाज में विरोध दर्ज कराया। सदन की कार्यवाही से पहले सपा विधायक अतुल प्रधान हाथों में कई होर्डिंग लेकर विधानसभा पहुंचे। एक होर्डिंग पर कफ सिरप (Cough Syrup) की तस्वीर और सिपाही आलोक सिंह के घर की बड़ी फोटो लगी थी। अतुल प्रधान ने सवाल उठाया कि जिस घर पर कार्रवाई की बात हो रही है, वहां बुलडोजर आखिर कब चलेगा।
लैंड क्रूजर और माफिया पर निशाना
अतुल प्रधान अपने साथ एक लैंड क्रूजर गाड़ी की तस्वीर भी लाए थे, जिस पर लिखा था कि यह गाड़ी जिस माफिया की है, उसे कब जब्त किया जाएगा। इस पोस्टर के जरिए उनका इशारा पूर्व सांसद धनंजय सिंह की ओर माना जा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बड़े मामलों में कार्रवाई से बच रही है और चुनिंदा लोगों को संरक्षण दिया जा रहा है।
सीटियां बजाकर पुलिस कार्रवाई का विरोध
विधायक अतुल प्रधान सीटियां लेकर भी पहुंचे और लगातार सीटियां बजाते रहे। उन्होंने कहा कि यह विरोध पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की आवाज दबाने के तरीके के खिलाफ है। अतुल प्रधान का कहना था कि जिस तरह पुलिस ने सीटी बजाकर उनकी बात बाहर आने से रोकी, उसी के विरोध में वे यह प्रतीकात्मक प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने विभोर राणा की एक तस्वीर दिखाते हुए सवाल उठाया कि ईडी की छापेमारी में कथित 100 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन के आरोपों के बावजूद उनकी फोटो डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के साथ क्यों दिखाई दे रही है।
कफ सिरप लेकर पहुंचे विधायक हसन रूमी
उधर, कानपुर से सपा विधायक हसन रूमी भी विरोध में कफ सिरप लेकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने कफ सिरप की बोतलें गले में लटका रखी थीं। हसन रूमी ने कहा कि यह पूरी तरह प्रतीकात्मक कदम है, ताकि सरकार को यह अहसास कराया जा सके कि प्रदेश में कफ सिरप जैसे मामलों को लेकर गंभीरता की कमी है और सरकार को ‘जगाने’ के लिए उन्हें यह तरीका अपनाना पड़ा।














































