UP: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर स्पेशल डीजी का पद सृजित किया जा सकता है। राज्य के गृह विभाग इस संभावना पर विचार कर रहा है। वर्तमान में 11 आईपीएस अफसर डीजी रैंक के हकदार हैं, लेकिन पद खाली न होने के कारण उनका प्रमोशन नहीं हो सका। 1 जनवरी, 2026 से इसमें 7 और अफसर जुड़ेंगे, जिससे कुल संख्या 18 हो जाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार इस बार भी स्पेशल डीजी पद बनाएगी।
यूपी में आईपीएस अफसरों की कॉडर स्ट्रेंथ
उत्तर प्रदेश में कुल 541 आईपीएस पद हैं, जिनमें से 164 स्टेट पुलिस सर्विस कोटे के हैं। वर्तमान में 482 अफसर राज्य में कार्यरत हैं, जिनमें से 37 केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। डीजी रैंक में सात कॉडर पोस्ट और सात एक्स कॉडर पोस्ट होती हैं, यानी कुल 14 अफसर ही डीजी पद पर रह सकते हैं। एडीजी रैंक में 21 कॉडर पोस्ट हैं, जिसमें 25 प्रतिशत एक्स कॉडर पोस्ट जोड़ी जा सकती है, यानी 25-26 अफसर एडीजी पद पर रह सकते हैं। आईजी और डीआईजी रैंक में 51-52 पद हैं, जबकि एसपी और एसएसपी रैंक में 162 पद हैं। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार के लिए रिजर्व पद भी मौजूद हैं।
मौजूदा पदों की स्थिति
राज्य में वर्तमान में डीजी रैंक में 14 अफसर हैं। एडीजी रैंक में 33 अफसर कार्यरत हैं। आईजी रैंक में शॉर्टेज है, यहां केवल 35 अफसर हैं जबकि कॉडर पोस्ट 51 हैं। डीआईजी रैंक में 56 अफसर काम कर रहे हैं। एसपी रैंक में 212, एडिशनल एसपी रैंक में 43 और असिस्टेंट एसपी रैंक में 56 अफसर कार्यरत हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कुल 37 अफसर हैं, जिनमें डीजी के 6, एडीजी के 8, आईजी के 4, डीआईजी के 13 और एसपी के 6 अफसर शामिल हैं।
यूपी में स्पेशल डीजी पद का इतिहास
उत्तर प्रदेश में पहले भी स्पेशल डीजी पद बनाए जा चुके हैं। 2011 में 1977 बैच के बृजलाल और उनके सहकर्मी अफसरों को डीजी पद खाली न होने के कारण स्पेशल डीजी रैंक में प्रमोट किया गया। 2023 में 1990 बैच के प्रशांत कुमार और उनके सहकर्मियों को स्पेशल डीजी पद दिया गया।
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पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का बयान
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह के अनुसार, स्पेशल डीजी रैंक का मुख्य उद्देश्य अफसरों का उत्साह बनाए रखना और कॉडर मैनेजमेंट करना है। इसका कोई अतिरिक्त लाभ या अधिकार नहीं होता। यह रैंक अक्सर पावरफुल और मुख्यमंत्री के भरोसेमंद अफसरों के प्रमोशन के लिए सृजित की जाती है।
कौन बन सकता है स्पेशल डीजी?
उत्तर प्रदेश में वर्तमान समय में 11 ऐसे अफसर हैं, जो डीजी बनने के हकदार हैं। इनमें 1994 और 1995 बैच के अफसर शामिल हैं, लेकिन पद खाली न होने के कारण उनका प्रमोशन अभी तक नहीं हो पाया है। 1 जनवरी को 1996 बैच के 7 अफसर भी डीजी रैंक में प्रमोशन के हकदार हो जाएंगे, जिससे कुल संख्या 18 हो जाएगी। यदि इस स्थिति में स्पेशल डीजी का पद सृजित किया जाता है, तो इन 18 अफसरों को इसका लाभ देना पड़ेगा।
इसके अलावा, 1 मार्च, 2026 को तीन अफसर स्वाभाविक रूप से डीजी रैंक में पहुंच जाएंगे, क्योंकि इस रैंक के तीन अफसर 28 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। इनमें एमके बशाल, दिनेश जुनेजा और संदीप सालुंके शामिल हैं। स्पेशल डीजी के पद की संभावनाओं पर चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि 1 जनवरी से 1996 बैच के अफसर डीजी बनने के हकदार होंगे। इस बैच में वर्तमान एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश भी शामिल हैं, जो मुख्यमंत्री के सबसे नजदीकी और भरोसेमंद अफसरों में से एक माने जाते हैं।



