जनसत्ता दल (Jansatta Dal) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) उर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) के निजी अस्तबल में हाल ही में एक बेहद खास मारवाड़ी घोड़े की एंट्री हुई है। ‘विजयराज’ (Vijayraj) नाम के इस घोड़े की कीमत करीब 1.5 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। बताया जा रहा है कि यह घोड़ा महाराष्ट्र के एक करीबी मित्र द्वारा राजा भैया को उपहार स्वरूप दिया गया है, जिसे प्रतापगढ़ लाया गया।
श्रीमंत मा. श्री राजा भइया जी को उनके महाराष्ट्र राज्य के उनके एक अतिशय प्रिय साथी ने उन्हें मारवाड़ी नस्ल का अश्व ” विजयराज ” सप्रेम भेंट किया।
आज छत्रपति शिवाजी महाराज की कर्मभूमि महाराष्ट्र से अवध की पावन भूमि बेंती पहुंचने पर इस लाजवाब अश्व का पारंपरिक पूजन के साथ राजभवन के… pic.twitter.com/3DxaltxF7C
— Jansatta Dal Loktantrik (@JSDL_Official) December 26, 2025
राजसी परंपराओं के साथ हुआ स्वागत
प्रतापगढ़ स्थित कुंडा की बेती कोठी में घोड़े के पहुंचने पर पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भव्य स्वागत किया गया। अस्तबल में प्रवेश से पहले ‘विजयराज’ का टीका, आरती और नारियल फोड़कर विधिवत पूजन किया गया। इस मौके पर राजा भैया स्वयं मौजूद रहे और पूरे विधि-विधान के साथ नए घोड़े को अपने अस्तबल में शामिल किया।
Also Read: राजा भैया ने खरीदा सबसे महंगा ट्रोजन घोड़ा, तिलक लगाकर उतारी गई आरती, वीडियो वायरल
नस्ल, प्रशिक्षण और रिकॉर्ड की खास पहचान
‘विजयराज’ सिर्फ अपनी ऊंची कीमत के कारण नहीं, बल्कि अपनी शुद्ध मारवाड़ी नस्ल और शानदार प्रशिक्षण के चलते भी चर्चा में है। यह हाई-ब्रीड घोड़ा है, जिसकी तीन पीढ़ियों का पूरा रिकॉर्ड मौजूद है। इसके साथ डीएनए टेस्ट रिपोर्ट और आधिकारिक पासपोर्ट भी उपलब्ध है। अस्तबल से जुड़े लोगों के अनुसार, यह घोड़ा शो और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है।
शाही शौक के लिए मशहूर हैं राजा भैया
राजा भैया का घोड़ों के प्रति लगाव किसी से छिपा नहीं है। उनके अस्तबल में पहले से ही करीब एक दर्जन घोड़े मौजूद हैं, जिनमें मारवाड़ी के साथ-साथ अरबी और अन्य विदेशी नस्लें भी शामिल हैं। कई घोड़ों की कीमत 50 लाख से लेकर करोड़ों रुपये तक बताई जाती है। घोड़ों के अलावा राजा भैया को महंगी गाड़ियां, डॉग्स, एयरक्राफ्ट और स्टीमर का भी शौक है, जिस वजह से उनकी शाही जीवनशैली अक्सर सुर्खियों में बनी रहती है।

















































