स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) परिसर में अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) को गोली मारने की कोशिश की गई. ये हमला नारायण सिंह चौरा नाम के शख्स द्वारा किया गया. स्वर्ण मंदिर के नाम से मशहूर हरमंदिर साहिब की वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि सुबह-सुबह नारायण सिंह पिस्तौल लेकर आता है और सुखबीर सिंह की जान लेने का प्रयास करता है. आइये आपको बताते हैं कि कौन है नारायण सिंह चौरा और इसने बादल पर गोली क्यों चलाई? दरअसल नारायण सिंह चौरा का नाम खालिस्तानी आतंकी के रूप में दर्ज है.
नारायण सिंह चौरा बब्बर खालसा आतंकी संगठन का सदस्य रहा है. उस पर चंडीगढ़ जेल तोड़ने का भी आरोप है. नारायण सिंह पर चंडीगढ़ की बुरैल जेलब्रेक मामले का भी आरोप है. आपको बता दें कि साल 2004 में चार खालिस्तानी आतंकी जेल तोड़कर फरार हो गए थे. बताया जा रहा है कि नारायण सिंह ने ही उन आतंकियों को भागने में मदद की थी. जेल से भागने के लिए चारों कैदियों ने जेल में 94 फुट लंबी सुरंग खोदी थी, आरोप था कि नारायण सिंह ने सुरंग खोदने में कैदियों की मदद की थी. हालांकि इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर कर दिया था. गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत लंबे वक्त तक जेल में रहने के बाद नारायण सिंह चौरा बेल पर बाहर आया था. उसने अमृतसर सेंट्रल जेल में पांच साल गुजारे हैं. वो खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन से जुड़ा हुआ था. 28 फरवरी, 2013 को तरन तारन के जलालाबाद गांव से उसे गिरफ्तार किया गया था.
इसी दिन उसके साथी सुखदेव सिंह और गुरिंदर सिंह को भी पकड़ा गया था. उससे पूछताछ के आधार पर तब पुलिस ने मोहाली जिले के कुराली गांव में एक ठिकाने पर छापा मारा था और निशानदेही पर हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद करने का दावा किया था. उस पर करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं.पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक नारायण सिंह 1984 में पाकिस्तान भाग गया था.
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