पाकिस्तान के झेलम में अज्ञात बंदूकधारी ने लश्कर-ए-तैयबा के मोस्ट वांटेड आतंकी अबू कताल को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। अबू कताल, जो 26/11 मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद का भतीजा था, जम्मू-कश्मीर के रियासी आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी था।
आतंकी घटनाओं में अहम भूमिका
अबू कताल पर पिछले साल 9 जून को रियासी में शिवखोरी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों की बस पर हमले की साजिश रचने का आरोप था। इस हमले में 9 लोग मारे गए थे और 41 लोग घायल हुए थे। इसके अलावा, कताल ने राजौरी हमले में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें 1 जनवरी 2023 को नागरिकों को निशाना बनाकर आतंकवादी हमला किया गया था, जिसमें कई लोग मारे गए और घायल हुए थे।
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जमात-उद-दावा का टॉप कमांडर
अबू कताल जमात-उद-दावा का शीर्ष कमांडर था और एनआईए द्वारा उस पर कई हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। उसकी मौत के बाद, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने राहत की सांस ली, क्योंकि वह लंबे समय से एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में था।
भारत के दुश्मन पाकिस्तान में मारे गए
पाकिस्तान में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी सफलता मिल रही है, क्योंकि कई प्रमुख आतंकवादी और भारत के दुश्मन ढेर हो गए हैं। इन आतंकवादियों की सूची में अबू कताल भी शामिल है, जो हाफिज सईद का भतीजा था और भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों में शामिल था। इसके अलावा, 14 अप्रैल, 2024 को सरफराज तांबा, जो कि सरबजीत सिंह के हत्यारे के रूप में जाना जाता था, मारा गया। मार्च 2022 में जहूर इब्राहिम, जो जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य था, और मार्च 2023 में बशीर अहमद पीर, जो हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा हुआ था, भी ढेर हुए। मई 2023 में परमजीत पंजवार, एक खालिस्तानी आतंकी, और 9 नवंबर 2023 को अकरम गाजी, जो लश्कर-ए-तैयबा का पूर्व आतंकी था, मारे गए। इसके अतिरिक्त, 5 नवंबर 2023 को ख्वाजा शाहिद, जो सुजवां हमले में शामिल था, और सितंबर 2023 में रियाज अहमद, जो ढांगरी हमले का मास्टरमाइंड था, भी ढेर हुए। 28 सितंबर 2023 को जियाउर रहमान, लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य, और 11 अक्टूबर 2023 को शाहिद लतीफ, जो पठानकोट हमले में शामिल था, 13 नवंबर 2023 को रहीम उल्लाह तारिक, जो मसूद अजहर का करीबी था, ढेर हुआ।