Entertainment Desk: साउथ सिनेमा की फिल्म ‘मार्को’ ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। हालांकि, इस फिल्म की सफलता के साथ ही इसके हिंसा से भरपूर कंटेंट ने समाज में बहस को जन्म दिया है। फिल्म में हिंसा की अधिकता को लेकर गंभीर आलोचनाएँ हो रही हैं। इसके कारण ही फिल्म को टीवी पर प्रसारण की अनुमति नहीं मिली, जिससे निर्माता काफी निराश हुए। लेकिन अब फिल्म को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
फिल्म की हिंसा को लेकर बढ़ा विवाद
‘मार्को’ को दर्शकों द्वारा सराहा गया, लेकिन यह भी सच है कि इसे मलयालम सिनेमा की सबसे हिंसक फिल्म माना जा रहा है। फिल्म में हिंसा को लेकर बहुत विरोध हुआ और इसके बाद इसे टीवी पर प्रसारित करने पर रोक लगा दी गई। अब, फिल्म की ओटीटी (OTT) स्ट्रीमिंग पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने इसकी ओटीटी स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग की है।
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सीबीएफसी की ओटीटी स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग
सीबीएफसी के क्षेत्रीय कार्यालय के अफसर नदीम थफाली टी ने सीबीएफसी चेयरमैन प्रसून जोशी को पत्र लिखकर फिल्म की ओटीटी स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की अपील की है। उन्होंने इस कदम के पीछे की वजह को फिल्म में दिखाई गई हिंसा बताया है। उनका कहना है कि फिल्म की ओटीटी स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट से हस्तक्षेप किया जाए।
केरल के मुख्यमंत्री ने भी की आलोचना
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी फिल्म की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि फिल्म ‘मार्को’ का युवाओं पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और यह फिल्म उन्हें हिंसा के लिए उकसा सकती है। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने इसे युवाओं के लिए एक गलत संदेश मानते हुए इसकी निंदा की।
फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाया 150 करोड़ रुपये
फिल्म ‘मार्को’ 20 दिसंबर, 2024 को रिलीज हुई थी और इसे 30 करोड़ रुपये के बजट में बनाया गया था। हालांकि, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 150 करोड़ रुपये की कमाई की, जो इसे एक बड़ी हिट बना देती है। लेकिन इसके बावजूद, फिल्म की हिंसा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है और इसे विभिन्न मंचों पर प्रसारित करने को लेकर कड़े सवाल उठ रहे हैं।