22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत और 17 के घायल होने के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने ऐतिहासिक सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का फैसला लिया। यह पहली बार है जब भारत ने इस संधि को रोका है, जबकि भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच पहले भी तीन युद्ध हो चुके हैं।
भारत ने बढ़ाया जल संसाधनों पर नियंत्रण
सिंधु जल संधि को रोकने के फैसले के साथ ही भारत ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में चिनाब नदी (Chenab River) पर स्थित दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं सलाल (Salal) और बगलिहार (Baglihar)
की जल भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए काम शुरू कर दिया है। इस काम के तहत जलाशयों में जमा गाद को हटाने की प्रक्रिया यानी ‘फ्लशिंग’ 1 मई से शुरू की गई, जो तीन दिन तक चली।
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पाकिस्तान को नहीं दी गई जानकारी
सूत्रों के अनुसार, भारत ने इस कार्यवाही से पाकिस्तान को पूर्व सूचना नहीं दी। यह पहली बार है जब भारत ने बिना जानकारी दिए इस प्रकार की परियोजनाओं पर काम किया है। इससे पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी पर तत्काल प्रभाव तो नहीं पड़ेगा, लेकिन भविष्य में अन्य परियोजनाएं अवश्य प्रभावित होंगी।
NHPC और जम्मू-कश्मीर सरकार की साझेदारी
भारत की प्रमुख जलविद्युत कंपनी NHPC और जम्मू-कश्मीर सरकार ने संयुक्त रूप से यह फ्लशिंग प्रक्रिया शुरू की। इससे न केवल टर्बाइनों को गाद से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा, बल्कि अधिक बिजली उत्पादन भी संभव होगा।
नई परियोजनाओं पर अब नहीं मानी जाएगी पाकिस्तान की आपत्ति
2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार ने लद्दाख में आठ जलविद्युत परियोजनाओं को मंजूरी दी थी, जिन पर पाकिस्तान ने कई बार आपत्तियां दर्ज की थीं। लेकिन अब सिंधु जल संधि पर रोक के चलते पाकिस्तान की ऐसी आपत्तियों का कोई महत्व नहीं रह जाएगा।
पाकिस्तानी विमानों और मीडिया पर भी कार्रवाई
भारत ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान से जुड़े कई यूट्यूब चैनल बैन कर दिए हैं और साथ ही पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय एयरस्पेस 23 मई तक बंद कर दिया है।
विदेश मंत्रालय का सख्त संदेश
भारत के विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि सिंधु जल संधि पर यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।