यूपी की वाराणसी सीट पर सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी को लेकर पिछले कई दिनों से चल रही उथल-पुथल पर बुधवार को ब्रेक लग गया. सपा के तरफ से अंतिम क्षणों में घोषित किए गए प्रत्याशी तेज बहादुर यादव का नामांकन पत्र बुधवार को खारिज कर दिया गया. जिसके बाद से वाराणसी की राजनीति में हंगामा मच गया था.
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लेकिन, गुरुवार की सुबह तेज बहादुर यादव, शालिनी यादव के साथ एक नया रिश्ता जोड़ते नजर आए. शालिनी ने तेज बहादुर को राखी बांध कर अपना भाई बना लिया. उन्होंने कहा कि मैं इस देश के सच्चे वीर जवान तेज बहादुर यादव का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करती हूं. तेज बहादुर की जो लड़ाई है उसे अब हम दोनों लोग मिलकर नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ेंगे. मैं इनसे पहली बार मिली हूं. मेरे लिए बहुत सौभाग्य का दिन है मैंने तेज बहादुर जैसे भाई को राखी बांधी है. तेज बहादुर से मैंने आशीर्वाद लिया है कि आने वाली मेरी लड़ाई और भी मजबूत होगी’.
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शालिनी यादव के राखी बांधने के बाद तेज बहादुर ने कहा कि उनके सिर्फ 5 भाई हैं और कोई बहन नहीं है. आज शालिनी के रूप में उन्हें बहन मिल गई हैं. नकली चौकीदार के विरुद्ध लड़ाई में कदम-कदम पर मैं अपनी बहन का साथ दूंगा. तेज बहादुर ने कहा कि अपनी बहन को जिताने के लिए वे जी जान लगा देंगे.
वहीं, तेज बहादुर यादव ने कहा कि अब मैं समाजवादी पार्टी का एक प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हूं. वाराणसी लोकसभा से मेरा नामांकन पत्र वाराणसी के सांसद ने पूरी योजना के साथ निर्वाचन अधिकारियों पर दबाव बनाकर रद्द कराया है. जबकि बीएसएफ से मेरी बर्खास्तगी में मेरे ऊपर किसी तरह का भ्रष्टाचार या देशद्रोह का आरोप नहीं है. सिर्फ अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर मुझे सेवा से बर्खास्त किया गया था. बर्खास्तगी का कारण सहित प्रपत्र मैंने अपने पर्चा दाखिल के समय ही दे दिया था. साथ ही तेज बहादुर ने कहा कि मैं शालिनी यादव के समर्थन में चुनाव प्रचार करूंगा तथा इस देश के करोड़ों सैनिकों की आवाज उठाऊंगा.
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