उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने रविवार को आगरा (Agra) में आयोजित ‘यूनिकॉर्न कंपनीज कॉन्क्लेव’ में महाकुंभ 2025 को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ में अब तक 62 करोड़ श्रद्धालु पहुंच चुके हैं, जो किसी भी निश्चित समय-काल में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने की सदी की दुर्लभतम घटनाओं में से एक है।
यूनिकॉर्न कॉन्क्लेव को बताया ‘स्टार्टअप का महाकुंभ’
आगरा में आयोजित इस बिजनेस सम्मेलन में सीएम योगी ने इसे ‘स्टार्टअप की दुनिया का यूनिकॉर्न महाकुंभ’ बताया। उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा, ‘इस समय महाकुंभ के प्रति पूरे देश और दुनिया का आकर्षण बढ़ा है।’ योगी आदित्यनाथ ने आगरा की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि ब्रज भूमि भारत की सभ्यता और संस्कृति को लंबे समय से प्रभावित करती रही है। उन्होंने बताया कि वे हाल ही में प्रयागराज से लौटे हैं और इस कार्यक्रम के बाद एक बार फिर महाकुंभ के लिए प्रयागराज रवाना होंगे।
जनपद आगरा में आयोजित यूनिकॉर्न कंपनीज के कॉन्क्लेव में… https://t.co/DQT9db6Vim
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 23, 2025
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भागीदारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में अब तक 62 करोड़ श्रद्धालु शामिल हो चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘विश्व के किसी भी आयोजन में चाहे वह आध्यात्मिक हो या पर्यटन से जुड़ा एक निश्चित कालखंड में इतनी बड़ी संख्या में लोगों का आना और आयोजन के साथ जुड़ना अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है।’ उन्होंने इस भव्य आयोजन को उत्तर प्रदेश सरकार के लिए गर्व का विषय बताया।
भारत में कुंभ परंपरा की ऐतिहासिक जड़ें
योगी आदित्यनाथ ने कुंभ मेले की प्राचीन परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रयागराज (उप्र), हरिद्वार (उत्तराखंड), उज्जैन (मप्र) और नासिक (महाराष्ट्र) चार प्रमुख स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता है। उन्होंने कहा, ‘प्राचीन काल में जब यह आयोजन शुरू हुआ होगा, तो यह भी विचार किया गया होगा कि जब कोई समय ऐसा आएगा, जब भारत का व्यक्ति अपनी परंपरा और संस्कृति से कटाव महसूस करेगा, तब कुंभ उसे जोड़ने का माध्यम बनेगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेला न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की संस्कृति, परंपरा और सामाजिक एकता को सशक्त करने वाला उत्सव भी है।