उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा से पुलिस वालों की बड़ी करतूत सामने आयी है. नीति बाग चौकी पुलिस द्वारा वसूली की शिकायत करना थाना ताजगंज क्षेत्र के दूध के व्यापारी और उसके भाई को भारी पड़ गया. दूध व्यापारी का आरोप है कि पहले तो पुलिसकर्मी गलत तरीके से चौकी पर पकड़कर ले गए, इसके बाद वसूली की और फिर छोड़ दिया. दूध व्यापारी के द्वारा इसकी शिकायत अधिकारियों से करने पर नाराज पुलिसकर्मियों ने उसे बलवे के मुकदमे में नामजद कर दिया. पीड़ित ने शनिवार को रोते हुए एसएसपी अमित पाठक से शिकायत की. जिसे पुलिसकर्मियों ने शांत कराया.
भैंस बिक्री के रूपये छीने, व्यापारी को ले गए चौकी
आगरा के बलदेव नगर निवासी सोरन का दूध का व्यवसाय है. सोरन ने एसएसपी आफिस में शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि 2 अक्टूबर को उनके भाई राधेश्याम ने भैंस बेची थी. उसके पास बिक्री के 42 हजार रुपये रखे हुए थे. राधेश्याम फतेहाबाद रोड स्थित एक ढाबे पर खाना खा रहा था. तभी नीति बाग चौकी के पुलिसकर्मी आए और राधेश्याम को पकड़कर चौकी पर ले गए. इसकी जानकारी मिलते ही सोरन चौकी पर आ पहुंचा. बातचीत करने बाद पुलिस ने राधेश्याम को रात 8:30 बजे छोड़ दिया. इस दौरान पुलिस वालों ने 8800 रुपये में 7800 रुपये वापस किये और 1 हजार रुपये नहीं दिए. साथ ही उसका मोबाइल भी अपने पास रख लिया. इसका विरोध करने पर पुलिसवालों ने दूध व्यापारी को जेल भेजने की धमकी दी और सादे कागज पर हस्ताक्षर भी करा लिए. इस संबंध में थाना ताजगंज और एसएसपी आफिस में शिकायती पत्र दिया. जिसकी जानकारी पर दूध व्यापारी को 16 अक्टूबर के दिन चौकी पर बुलाया गया.
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एसएसपी के सामने रो पड़ा पीड़ित
22 अक्टूबर को सोरन के पास सीओ सदर के कार्यालय से फोन आया और शिकायत के संबंध में पूछताछ की गई. इसके बाद 19 नवंबर को एसपी सिटी आफिस में बयान दर्ज हुए. पिछले दिनों सोरन को पता चला कि 29 अक्टूबर को क्षेत्र में हुए बलवे के मामले में पुलिस की ओर से दर्ज कराए मुकदमे में उसे और उसके भाई को नामजद कर लिया है, जबकि उनका कोई दोष नहीं है. वो बलवे के दौरान मौजूद भी नहीं थे. ऐसा नीति बाग पुलिस चौकी की शिकायत करने पर किया गया है. शनिवार को एसएसपी अमित पाठक के सामने आने पर सोरन रो पड़ा. इस पर एसएसपी ने उसे शांत किया और मामले में एसपी सिटी और सीओ सदर को 2 दिन में जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश किए हैं.
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