बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान AIMIM विधायक अख्तरुल ईमान ने राष्ट्रगीत गाने को लेकर एक बड़ा बयान दे दिया है. दरअसल, सत्र के दौरान वहां मौजूद सभी विधायकों को राष्ट्रगीत गाना था, लेकिन AIMIM के विधायक ने राष्ट्रगीत गाने से साफ़ इंकार कर दिया. ऐसे में जब पत्रकारों ने उनसे इसकी वजह पूछी तो उनका कहना था कि राष्ट्रगीत गाना जरूरी नहीं है. ये हमारे धर्म के खिलाफ है. उनके इस बयान के बाद अब काफी विरोध शुरू हो गया है.
बिहार विधानसभा में शुरू हुई है नयी परम्परा
जानकारी के मुताबिक, इस बार शीतकालीन सत्र के दौरान बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने सत्र के पहले दिन राष्ट्रगान (जन-गण-मन) और आखिरी दिन राष्ट्रगीत (वंदे मातरम) गाने की परंपरा शुरू की है. शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन जब राष्ट्रीय गीत गाया जा रहा था, तो उसी दौरान ओवैसी की पार्टी के पांचों विधायकों ने राष्ट्रीय गीत गाने से इनकार कर दिया.
ओवैसी के विधायक को राष्ट्रगीत गाने से परहेज, कहा- संविधान में राष्ट्रगीत गाना कम्पलसरी नहीं
बिहार विधानसभा सत्र के आखिरी दिन राष्ट्रगीत न गाने के सवाल पर AIMIM विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि ये वैकल्पिक है, जिसे गाना है गाये, जिसे नहीं गाना है वो नहीं गाये.pic.twitter.com/8W5m8HbJwT
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) December 3, 2021
बोले- ये हमारे धर्म के खिलाफ
शीतकालीन सत्र के समापन के बाद AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा पर जमकर बरसे और राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय गीत की नई परंपरा थोपने का आरोप लगाया. अख्तरुल इमान ने दलील दी कि संविधान में कहीं भी नहीं लिखा गया है कि राष्ट्रीय गीत गाना अनिवार्य है. ‘जिसको राष्ट्रीय गीत गाना है वो गाए. उन्होंने कहा, राष्ट्रगीत गाना क्यों जरूरी है? सबके अपने अपने विकल्प हैं. यह महत्वपूर्ण नहीं है, बिना कारण के आपको कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं बनाना चाहिए. मैं राष्ट्रगीत के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन वंदे मातरम कहना हमारे धर्म के खिलाफ है.
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