योगी सरकार द्वारा पेश किए गए यूपी बजट 2025 (UP Budget 2025) पर सियासी घमासान तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और बसपा प्रमुख मायावती ने बजट को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
अखिलेश बोले- बजट ढोल की तरह, अंदर से खोखला
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार के बजट को खोखला बताते हुए कहा कि यह भाजपा सरकार का नौवां बजट है, लेकिन इसमें आम जनता के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘ये बजट नहीं, बल्कि बहुत बड़ा ढोल है, जिसमें आवाज तो बहुत है, पर अंदर से खोखला है। इसे देखकर किसानों की उम्मीदें टूट गई हैं, महिलाओं के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं और आम जनता के लिए इसमें कुछ भी नहीं है।’
#WATCH | Lucknow, UP | On UP Budget, SP Chief Akhilesh Yadav says, "This was their (current UP government's) second last budget. Next year, they will present their last budget, and after that, we will get the opportunity to choose a new government. This budget has no association… pic.twitter.com/o6XffzN8ZJ
— ANI (@ANI) February 20, 2025
अखिलेश ने महंगाई और बेरोजगारी को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि बजट बड़ा होने से कुछ नहीं होता, सवाल यह है कि इसमें युवा, किसान, बेरोजगार और महिलाओं को क्या मिला? उन्होंने दावा किया कि इस बजट से मंत्री और विधायक भी निराश हैं, क्योंकि इसमें उनके विभागों के लिए भी कुछ खास नहीं है।
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मायावती का वार- बजट मध्यम वर्ग के तुष्टिकरण वाला
बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी बजट को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘अगर यह बजट व्यापक जनहित और जनकल्याणकारी होता, तो बेहतर होता। इसमें महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन को दूर करने की कोई ठोस नीति नहीं दिखती।’
2. कुल मिलाकर, यूपी भाजपा सरकार का बजट भी पेट भरे मध्यम वर्ग के तुष्टीकरण वाला है, जबकि सरकारों की असली चिन्ता व संवैधानिक दायित्व करोड़ों परिवारों की दरिद्रता को दूर करके सुख-चैन पहुँचाने वाला सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के उद्देश्य की पूर्ति का होना चाहिए। ऐसा ना होना चिन्तनीय।
— Mayawati (@Mayawati) February 20, 2025
उन्होंने भाजपा सरकार पर मध्यम वर्ग के तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार का असली दायित्व गरीबों और वंचित वर्गों को राहत देना होना चाहिए, लेकिन बजट में उनकी जरूरतों की अनदेखी की गई है।
मायावती ने यूपी में बुनियादी सुविधाओं की कमी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘जब लोगों को सड़क, पानी, स्कूल, अस्पताल और रोजगार की बेहतर सुविधाओं की जरूरत है, तब सरकार उन्हें सिर्फ सपने दिखा रही है।’
उन्होंने भाजपा सरकार के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि उनकी सरकार से पहले यूपी बदहाल था। मायावती ने कहा, ‘बसपा सरकार में कानून-व्यवस्था और जनकल्याण प्राथमिकता थी, लेकिन भाजपा की नीतियों ने बहुजन समाज को और बदहाल कर दिया है।’
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