संसद के शीतकालीन सत्र के बीच विपक्षी सांसदों के रवैये पर लगातार कार्रवाई हो रही है। मंगलवार यानी आज लोकसभा से डिंपल यादव, रामगोपाल यादव व विपक्ष के कई नेताओं समेत 49 सांसदों को निलंबित (Suspension of MPs) कर दिया गया है। सपा चीफ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा है।
सही बात नहीं सुनना चाहती सरकार
अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार सही बात सुनना नहीं चाहती है। भाजपा से यह पूछना चाहिए कि लोकतंत्र का मंदिर बोलते हैं। हम सब अपने भाषणों में लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं। ये किस मुंह से इसे लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं, जब ये विपक्ष को बाहर कर रहे हैं। अगर ये दूसरी बार सरकार में आ गए तो यहां बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान नहीं बचेगा।
हम संसद में नहीं रख पा रहे अपनी बात: डिंपल यादव
वहीं, सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि आज 40 से भी ज्यादा सांसद निलंबित हुए हैं। कल भी लोकसभा और राज्यसभा में मिलाकर 80 से ज्यादा सांसद निलंबित हुए। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। जो वातावरण हम देख रहे हैं, जहां हम संसद में अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं वह सरकार की पूरी विफलता को प्रदर्शित करता है।
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने मांग रखी कि सदन में गृहमंत्री अमित शाह आएं और 13 दिसंबर को जो घटना हुई है, उस पर बात करें और सभी सांसदों की बात सुनें। साथ ही उन्होंने 13 सस्पेंड हुए सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग की है।
उधर, सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि जिस तरीके से संसद के सदस्यों को निलंबित किया जा रहा है, उससे यह बिल्कुल भी नहीं लगता है कि उनके दिमाग में विपक्ष का कोई औचित्य ही नहीं है। सत्ता में बैठे हुए लोग या उनके इशारे पर काम करने वाले लोगों की नजरों में विपक्ष की कोई अहमियत ही नहीं है।
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