उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh) जनपद में प्राथमिक विद्यालय (Primary School) लखटोई गौंडा, इगलास में गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत माता व सरस्वती मां की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने से मना करने वाले सहायक अध्यापक हसमुद्दीन निलंबित (Teacher Hasmuddin Suspend) कर दिया गया है। बीएसए ने मामले की जांच एबीएसए गौंडा गोपाल त्यागी को सौंपी थी, जिसके बाद शुक्रवार को रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था वीडियो
दरअसल, गणतंत्र दिवस मौके पर यहां ध्वाजारोहण किया गया। इसके बाद भारत माता व मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने की प्रक्रिया की गई। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि शिक्षक हसमुद्दीन बैठा हुआ है और कुछ लोग उसे पुष्प चढ़ाने के लिए कह रहे हैं। शुरुआत में हसमुद्दीन बीमारी का बहाना बनाता है और बाद में अपने मजहब का हवाला देते हुए कहता है कि हम सिर्फ ऊपर वाले के सामने मत्था टेकते हैं।
इस दौरान साथी शिक्षक उसे समझाते हुए कहते हैं कि यह बात ठीक नहीं है। हम लोग भी मुस्लिमों के कार्यक्रम में जाते हैं। हम भी वहां मत्था टेकते हैं। इस पर हसमुद्दीन कहता है कि हमारे मजहब में यह नहीं सिखाते। हम किसी के सामने मत्था नहीं टेकते। हम सिर्फ ऊपर वाले के सामने मत्था टेकते हैं। इसके बाद वहां मौजूद लोग हसमुद्दीन से कहते हैं कि यह तो संविधान के अनुसार है। जब आप यहां आए हो तो भारत माता पर पुष्प चढ़ा दो। इसके बाद हसमुद्दीन फूल चढ़ाने जाता है।
प्रधानाध्यापक बोले- काफी समझाने पर चढ़ाए फूल
मामले में स्कूल के प्रधानाध्यापक राजेंद्र कुमार ने बताया कि ध्वजारोहण के समय भी हसमुद्दीन एक तरफ बैठा हुआ था। कुछ लोगों ने उससे फूल चढ़ाने को कहा तो उसने पेट में दर्द होने की बात कह इनकार कर दिया। बाद में काफी समझाने पर उसने फूल चढ़ाए।
अलीगढ़ में टीचर हसमुद्दीन ने झंडा फहराने से किया इनकार, कहा- भारत माता के चित्र पर पुष्प भी अर्पित नहीं करूंगा, टीचर हसमुद्दीन ने कहा कि सिर्फ ऊपरवाले के आगे मत्था टेकूँगा और किसी के आगे नही।
और फिर ये कहते हैं कि हमारी देशभक्ति पर सवाल क्यों करते हो ? pic.twitter.com/FgLUViOM4e— Amit Trivedi (@AmitTri32394478) January 27, 2023
वहीं, शिक्षक हसमुद्दीन ने सफाई देते हुए कहा कि मेरी तबियत खराब थी। मैं तीन दिन से बीमार था और मेरे नाक से खून आ रहा था। इसलिए मैं दवाई खाकर वहां बैठा था। मेरे पेट में दर्द हो रहा था। इसलिए जब मास्टर साहब वहां आए तो मैंने कहा कि मेरे पेट में दर्द है। वहीं, मजहब के सवाल पर हसमुद्दीन ने कहा कि जब कुछ लोग घेर लेते हैं तो दबाव आ जाता है और कुछ ऐसा कहना पड़ जाता है।। उसने कहा कि मुझे मां सरस्वती की प्रतिमा में फूल चढ़ाने में कोई हर्ज नहीं है और मैं बाद में भी ऐसा कर सकता हूं।
उधर, मामले में बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका का कहना है कि हसमुद्दीन को निलंबित कर दिया है। वे अध्यापक तैनाती नियमावली के उल्लंघन के दोषी पाए गए हैं। उनको उपस्थिति के लिए प्राथमिक विद्यालय नगला कोली गौंडा से संबद्ध किया गया है।
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