समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan) और शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Burq) जैसे मुस्लिम नेताओं की नाराजगी सामने आने के बाद अब इस्लामिक संगठन ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम ने भी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को मुसलमानों से नफरत करने वाला बताया है। सुन्नी मुसलमानों के धार्मिक संगठन के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी (Maulana Shahabuddin Razvi) ने मुसलमानों को दूसरे विकल्पों पर विचार करने की नसीहत देते हुए कहा कि मुलायम और अखिलेश की समाजवादी पार्टी में काफी फर्क है। अखिलेश यादव को दाढ़ी और टोपी वाले मुसलमानों से न सिर्फ परहेज है, बल्कि नफरत है।
ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इसको लेक एक बयान भी जारी किया है। मौलाना ने बुधवार को एक टीवी चैनल से इसको लेकर बातचीत की और आजम खान व शफीकुर्रहमान बर्क जैसे नेताओं को जल्द सपा छोड़ने की सलाह दी।
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मौलाना के कहा कि हिंदुस्तान में राजनीतिक हालात अब काफी बदल चुके हैं। इसलिए मुसलमानों को दोबारा सोचने की जरूरत है। उन्हें न तो किसी पार्टी से अधिक जुड़ाव दिखाना चाहिए और न ही किसी पार्टी का इतना विरोध करें कि बाद में इसका नुकसान उठाना पड़े।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि मुलायम और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में काफी फर्क आ चुका है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने मुसलमानों का चेहरा बनने से इंकार किया है। उनको अपने साथ रखने से इंकार कर दिया है। उन्हें दाढ़ी, कुर्ता और टोपी वाले मुसलमानों से परहेज है, बल्कि नफरत है। ऐसे में मुसलमानों को चाहिए कि जो वैकल्पिक पार्टियां हैं उन पर विचार करना चाहिए।
वहीं, सपा में आजम खान और शफीकुर्रहमान बर्क जैसे नेताओं की नाराजगी के सवाल पर शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि आजम खान और बर्क आज कह रहे हैं कि अखिलेश मुसलमानों के हितैषी नहीं हैं। मैं तो पांच महीने से यही बात कह रहा हूं। चुनाव के दौरान भी यह बात कही थी। तब इन्हें समझ नहीं आ रहा था। आज समझ में आया है तो पहली फुर्सत में सपा छोड़ देनी चाहिए।
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