इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और मेरठ के पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे सभी यात्रियों का मास्क पहनना सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर तैनात पुलिसकर्मियों के नाम सौंपे। लखनऊ जिला मजिस्ट्रेट द्वारा अपने हलफनामे में यह कहने के बाद कि सभी सड़कों पर हर दो किमीटर पर दो पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। अदालत ने यह आदेश जारी किया है।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने कोविड-19 पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जिला मजिस्ट्रेट, लखनऊ द्वारा दायर अनुपालन के हलफनामे से ऐसा प्रतीत होता है कि लगभग 300 लोग हर दिन संक्रमित हो रहे हैं। हालांकि हम पुलिस प्रशासन के ईमानदार प्रयासों की सराहना करते हैं लेकिन हमें बहुत कुछ करने की आवश्यकता है और यह नहीं कहा जा सकता है कि चीजें अब नियंत्रण में हैं। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए आगे और प्रयास किए जाने चाहिए।
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अदालत ने आगे कहा कि भले ही एडिशनल एडवोकेट ने कहा कि परीक्षण भी हर दिन बढ़ रहा है, हमने पाया कि संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ रही है। हम पाते हैं कि ट्रैकिंग ठीक से नहीं की जा रही। लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और मेरठ में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में कमी आनी चाहिए और यह तभी हो सकता है जब उचित ट्रैकिंग हो। सभी को मास्क पहना सुनिश्चित करने के लिए उचित पुलिसिंग की आवश्यकता है।
इसके अलावा अदालत ने लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और मेरठ के जिला प्रशासन को यह देखने के लिए निर्देशित किया कि इन जिलों में खुले में कोई भी भोजन नहीं खाया जाए। पुलिस आयुक्त, लखनऊ, जिला मजिस्ट्रेट, लखनऊ, पुलिस आयुक्त, गौतम बुद्ध नगर और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मेरठ द्वारा अनुपालन का हलफनामा दायर किया गया।
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