इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के खिलाफ दाखिल आपराधिक पुनरीक्षण अर्जी पर नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने पुनरीक्षण अर्जी दाखिल करने में 327 दिन की देरी, माफी अर्जी पर चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी।
दिवाकर नाथ त्रिपाठी की याचिका पर आदेश
यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने प्रयागराज निवासी दिवाकर नाथ त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता रमेश चंद्र द्विवेदी और कमल कृष्ण राय ने बहस की। याचिका में अधीनस्थ अदालत प्रयागराज और किशोर न्याय बोर्ड के आदेशों सहित केशव प्रसाद मौर्य की ओर से फर्जी दस्तावेज के जरिए लाभ लेने के मामले में एफआईआर दर्ज करने की अर्जी निरस्त करने के आदेश की वैधता को चुनौती दी गई है।
इससे पहले याचिकाकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने अधीनस्थ अदालत में अर्जी दाखिल की थी। उन्होंने सीआरपीसी धारा 156(3) के तहत परिवाद दाखिल किया था। अर्जी में कहा गया था कि 2007 में शहर के पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से केशव प्रसाद मौर्य ने विधानसभा चुनाव लड़ा। इसके बाद कई बार चुनाव लड़े।
अर्जी में कहा गया था कि उन्होंने (डिप्टी सीएम) अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र में हिंदी साहित्य सम्मेलन के द्वारा जारी प्रथम, द्वितीया आदि की डिग्री लगाई है, जो कि प्रदेश सरकार या किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं है। इन्हीं डिग्रियों के आधार पर उन्होंने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से पेट्रोल पंप भी प्राप्त किया है।
बता दें कि अधीनस्थ अदालत ने भी उनके आरोपों में कोई दम न पाते हुए परिवाद खारिज कर दिया था। इसी मामले को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल याचिका बीते दिनों वापस ले ली गई थी। इसी मामले में दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है।
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