बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच आईपीएस अधिकारियों के इस्तीफों का सिलसिला जारी, शिवदीप लांडे के बाद IPS काम्या मिश्रा ने छोड़ी नौकरी

बिहार (Bihar) में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन इस बीच राज्य में आईपीएस अधिकारियों (IPS Officers) के इस्तीफे सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल ही में दरभंगा ग्रामीण की एसपी रहीं आईपीएस काम्या मिश्रा (IPS Kamya Mishra) का इस्तीफा (Resignations) स्वीकार कर लिया गया। इससे पहले जनवरी 2025 में चर्चित आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे का भी इस्तीफा मंजूर किया गया था। चुनावी माहौल में इन इस्तीफों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

काम्या मिश्रा का इस्तीफा और उसकी वजहें

आईपीएस अधिकारी काम्या मिश्रा ने अगस्त 2024 में निजी कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा राज्य सरकार को सौंपा था, जिसे अब केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने इस्तीफे की वजह अपने पारिवारिक दायित्वों को बताया था। उनका कहना था कि वह अपने माता-पिता की अकेली संतान हैं और उनके पारिवारिक व्यवसाय को संभालने के लिए नौकरी छोड़ना उनकी मजबूरी बन गई।

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2018 में पास की थी सिविल सेवा परीक्षा

मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली काम्या मिश्रा ने 2018 में पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की थी और हिमाचल प्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी बनीं। बाद में 2021 में उन्होंने बिहार कैडर में स्थानांतरण करा लिया था। बिहार में सेवा देने के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं, जिनमें पटना सचिवालय में एएसपी और बाद में दरभंगा ग्रामीण एसपी की भूमिका शामिल रही।

बिहार में आईपीएस अधिकारियों के इस्तीफे की बढ़ती संख्या

काम्या मिश्रा से पहले 15 जनवरी 2025 को बिहार कैडर के चर्चित आईपीएस अधिकारी और आईजी शिवदीप लांडे का भी इस्तीफा मंजूर किया गया था। उन्होंने सितंबर 2024 में पूर्णिया आईजी रहते हुए पुलिस सेवा से इस्तीफा दिया था। लगातार हो रहे इन इस्तीफों से यह सवाल उठ रहा है कि आखिर बिहार में आईपीएस अधिकारी चुनावी माहौल के बीच क्यों अपनी सेवा से अलग हो रहे हैं।

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चुनाव से पहले इस्तीफों का राजनीतिक विश्लेषण

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में आईपीएस अधिकारियों के इस्तीफे महज व्यक्तिगत कारणों से ही नहीं हो रहे, बल्कि इसमें प्रशासनिक दबाव और राजनीतिक परिस्थितियों की भी अहम भूमिका हो सकती है। चुनाव के समय पुलिस प्रशासन पर अतिरिक्त दबाव होता है और कुछ अधिकारी इससे बचने के लिए स्वेच्छा से नौकरी छोड़ सकते हैं। इसके अलावा, कई अधिकारी निजी क्षेत्र में बेहतर संभावनाओं की तलाश में भी सरकारी सेवा से अलग हो रहे हैं।

क्या आने वाले दिनों में और भी इस्तीफे होंगे?

बिहार में चुनावी माहौल गरमाने के साथ ही यह सवाल उठने लगा है कि आने वाले समय में क्या और भी अधिकारी इस्तीफा देंगे? प्रशासनिक हलकों में इस पर चर्चा तेज हो चुकी है और राज्य सरकार की ओर से भी इस विषय पर निगरानी रखी जा रही है। अगर यह सिलसिला जारी रहता है, तो यह बिहार की कानून व्यवस्था और प्रशासन पर गहरा असर डाल सकता है।

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