उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने सोमवार को सनसनीखेज बयान देकर सियासी हलकों में हलचल मचा दी। उन्होंने दावा किया कि उनकी जान को खतरा है और उनके खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है। शर्मा के मुताबिक, बिजली विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने और उन्हें हटाने के लिए सुपारी तक दी है। उन्होंने एक्स पोस्ट पर लिखा, मेरी सुपारी लेने वालों में बिजली कर्मचारी के वेश में कुछ अराजक तत्व भी है। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब मंत्री लगातार बिजली विभाग में फैले भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए हैं।
ऊर्जा मंत्री श्री ए के शर्मा की सुपारी लेने वालों में विद्युत कर्मचारी के वेश में कुछ अराजक तत्व भी हैं …
कुछ विद्युत कर्मचारी नेता काफ़ी दिनों से परेशान घूम रहे हैं क्योंकि उनके सामने ऊर्जा मंत्री जी झुकते नहीं हैं।
ये वही लोग हैं जिनकी वजह से बिजली विभाग बदनाम हो रहा…
— AK Sharma Office (@AKSharmaOffice) July 28, 2025
खुली बैठक में अधिकारियों की लगी फटकार
पिछले कुछ दिनों में AK शर्मा ने कई समीक्षा बैठकों के दौरान बिजली विभाग के अधिकारियों की सार्वजनिक तौर पर क्लास ली है। उन्होंने झूठी रिपोर्टिंग, ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती और विजिलेंस टीमों द्वारा जनता को धमकाकर वसूली करने जैसी घटनाओं पर गहरी नाराजगी जताई है। हाल ही में वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप के आधार पर उन्होंने बस्ती जिले के अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
‘डरूंगा नहीं, लड़ाई जारी रहेगी’
शर्मा ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा, ‘मेरे खिलाफ गहरी साजिश रची गई है, मेरी छवि धूमिल करने और मुझे नुकसान पहुंचाने की सुपारी दी गई है। लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।’ उन्होंने यह भी संकेत दिए कि इस साजिश की जानकारी उन्होंने UPPCL चेयरमैन और प्रबंध निदेशक को पहले ही दे दी थी।
सियासी तकरार
AK शर्मा के इस बयान पर विपक्ष ने तंज कसते हुए सरकार को घेरा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘बिजली विभाग का ट्रांसफॉर्मर उड़ गया है, मंत्री-अधिकारी के तार टूट गए हैं और जनता का सरकार से भरोसा खत्म हो गया है।’ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसे सरकार की आंतरिक कलह का नतीजा बताया। वहीं बीजेपी ने शर्मा की ईमानदारी और निडरता की तारीफ करते हुए कहा कि वे भ्रष्टाचारियों के लिए खतरा बन चुके हैं।
एके शर्मा का अफसर से मंत्री तक का सफर
1988 बैच के आईएएस अधिकारी रहे एके शर्मा ने अपने प्रशासनिक करियर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई अहम विकास परियोजनाओं में काम किया। 2021 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर उन्होंने बीजेपी जॉइन की और योगी सरकार में ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री बने। अब जब उन्होंने खुद के खिलाफ सुपारी दिए जाने की बात कही है, तो यह मामला और गंभीर हो गया है।
क्या जांच होगी ?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या योगी सरकार इस ‘सुपारी कांड’ की निष्पक्ष जांच कराएगी? क्या बिजली विभाग में जारी सख्ती और पारदर्शिता लाने की कोशिश में कोई अंदरूनी रुकावट है? यह मामला न केवल मंत्री की सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि यह प्रदेश सरकार के भीतर की स्थिति पर भी सवाल खड़े कर रहा है। जनता की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में इस विवाद का अगला अध्याय क्या होगा।