पिछले कुछ महीनों में बिहार के कई जिलों में सांप्रदायिक तनाव की अनेकों घटनाएं सामने आईं। वहीं, सीतामढ़ी में एक 82 साल का बुर्जुर्ग ऐसे ही एक दंगे की भेंट चढ़ गया। उपद्रवियों ने उन्हें जलाकर मार दिया। इस मामले में स्थानीय पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है।
दुर्गा की प्रतिमा पर हुई थी पत्थरबाजी
जानकारी के मुताबिक, बिहार के सीतामढ़ी में 20 अक्टूबर को दंगा हुआ था। स्थानीय लोगों का कहना है कि 20 अक्टूबर को कुछ लोग दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जा रहे थे, तभी उनपर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इससे प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो गई थी।
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इसके बाद मामले ने सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया। लोगों का कहना है कि इसी दिन 82 वर्षीय जैनुल अंसारी अपनी बहन से मिलकर वापस आ रहे थे। हालाांकि तनावपूर्ण स्थिति की वजह से स्थानीय लोगों ने उन्हें न जाने की सलाह भी दी थी, बावजूद इसके वो अपने घर के लिए निकल गए।
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जैनुल अंसारी का जला हुआ शव मिला था…
बताया जा रहा कि इसके कुछ ही घंटों बाद जैनुल अंसारी का जला हुआ शव बरामद किया गया था, उनकी दोनों बांहें और पैर बुरी तरह जले हुए थे। उनके परिवार का आरोप है कि उग्र भीड़ ने उन्हें निशाना बना लिया। स्थानीय पुलिस ने जैनुल अंसारी की हत्या मामले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।
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सीतामढ़ी के एसपी विकास बर्मन ने बताया कि इस मामले में अलग से केस दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस ने दंगा करने का मामला दर्ज किया है। अंसारी का शव मिलने के बाद उसी में हत्या की धारा जोड़ दी गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभी तक इस हत्याकांड में किसी की पहचान नहीं की जा सकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मुताबिक, आग लगने से हुए जख्म को देखकर अंसारी इस हद तक भयभीत हो गए थे कि उनकी मौत हो गई।
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