अंकिता भंडारी हत्याकांड: कोटद्वार कोर्ट ने सुनाया फैसला , पूर्व मंत्री के बेटे समेत 3 को उम्रकैद की सज़ा

 Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार, 30 मई 2025 को बड़ा फैसला सुनाया। न्यायालय ने वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इन तीनों आरोपियों को हत्या (धारा 302), साक्ष्य मिटाने (धारा 201) और महिला के साथ अशोभनीय व्यवहार (धारा 354) के तहत दोषी ठहराया गया।

क्या था पूरा मामला ?

18 सितंबर 2022 को पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक की निवासी 19 वर्षीय अंकिता भंडारी अचानक लापता हो गई थीं। वह ऋषिकेश के नजदीक स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं। एक सप्ताह बाद, 24 सितंबर को चीला शक्ति नहर से उसका शव बरामद हुआ। जांच में सामने आया कि एक विवाद के बाद पुलकित आर्य ने अपने कर्मचारियों की मदद से अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई।

 मामले ने पकड़ा तूल 

हत्या के बाद जब मामले ने तूल पकड़ा, तब स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला। गुस्साई भीड़ ने आरोपी पुलकित आर्य के रिजॉर्ट को आग के हवाले कर दिया। घटना स्थल पर पहुंचे स्थानीय भाजपा विधायक रेणु बिष्ट की गाड़ी पर भी हमला किया गया। हालात इतने बिगड़ गए कि राज्य सरकार को विशेष जांच टीम (SIT) का गठन करना पड़ा और विवादित रिजॉर्ट को बुलडोजर से ढहा दिया गया।

भाजपा ने उठाया सख्त कदम

घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया। वे पहले उत्तराखंड सरकार में मंत्री और भाजपा OBC मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे। पुलकित के भाई अंकित आर्य, जो उत्तराखंड OBC कल्याण आयोग के उपाध्यक्ष पद पर थे, को भी उनके पद से हटा दिया गया।

जांच प्रक्रिया और न्यायिक कार्यवाही

इस मामले में अभियोजन पक्ष ने करीब 500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जिसमें 97 गवाहों के बयान शामिल थे। इनमें से 47 प्रमुख गवाहों की कोर्ट में गवाही कराई गई। सुनवाई की प्रक्रिया 30 जनवरी 2023 से कोटद्वार एडीजे कोर्ट में नियमित रूप से शुरू हुई और करीब दो साल आठ महीने तक चली। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने मामले की पैरवी की।

फैसले के दिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

कोर्ट के फैसले के दिन प्रशासन ने कड़े सुरक्षा प्रबंध किए थे। पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया था। डेढ़ कंपनी पीएसी और चार मजिस्ट्रेट को कोटद्वार में तैनात किया गया। कोर्ट परिसर के आसपास 200 मीटर के क्षेत्र में धारा 144 लागू की गई थी ताकि कोई प्रदर्शन या नारेबाजी न हो सके।

परिजनों और आमजन की प्रतिक्रिया

अंकिता के माता-पिता कोर्ट में मौजूद रहे और फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय की उम्मीद थी और अदालत ने विश्वास को कायम रखा। पूरे उत्तराखंड समेत देशभर में इस केस को लेकर संवेदना और न्याय की मांग लंबे समय से चल रही थी। सोशल मीडिया पर भी #JusticeForAnkita ट्रेंड करता रहा।

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