सिक्किम (Sikkim) में हनीमून मनाने गए मध्य प्रदेश के राजा और सोनम के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है ,जहां राजा का शव बरामद हो चुका है और सोनम उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में मिली है। अब इसी तरह का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बात दे यह मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ( Pratapgarh) से है। जहां लालगंज तहसील अंतर्गत राहाटीकर गांव निवासी कौशलेंद्र प्रताप सिंह (Kaushalendra Pratap Singh) और उनकी पत्नी अंकिता सिंह (Ankita Singh) की शादी 5 मई को हुई थी। जिसके बाद कौशलेंद्र और अंकिता हनीमून के लिए सिक्किम पहुंचे थे। 29 मई को वे जिस ट्रैवलर वाहन में सवार थे, वह हादसे का शिकार होकर करीब 1000 फीट गहरी खाई में गिर गया था। हादसे को 11 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक दोनों का कोई अता-पता नहीं है।
कुछ बचे, मगर दंपति का कोई सुराग नहीं
हादसे के बाद दो यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया है । एक सामान्य वार्ड में भर्ती है और दूसरा आईसीयू में। इन दोनों ने स्पष्ट किया कि कौशलेंद्र और अंकिता भी उनके साथ ट्रैवलर में मौजूद थे। इसके बावजूद रेस्क्यू टीम को दंपति से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।
सर्च ऑपरेशन जारी
रेस्क्यू दल ने अब तक ट्रैवलर से कई यात्रियों का सामान बरामद किया है, लेकिन इनमें कोई भी वस्तु कौशलेंद्र या अंकिता की नहीं है। परिजनों का कहना है कि अब तक एक चप्पल तक नहीं मिला। यह बात उनके दिलों की बेचैनी को बयां करती है।
पिता ने लगाई गुहार
कौशलेंद्र के पिता शेर बहादुर सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज किया जाए। इस दौरान उन्होंने कहा की जब तक मैं अपने बेटे-बहू को खोज नहीं लेता, सिक्किम नहीं छोड़ूंगा ।
अंकिता के पिता का बयान
अंकिता के पिता विजय सिंह डब्बू, जो पट्टी के छिवलहा गांव निवासी हैं। उन्होंने बताया कि 29 मई को बेटी से आखिरी बार फोन पर बात हुई थी। वह बहुत खुश थी, उन्होंने बताया, लेकिन उसके बाद से सब कुछ बदल गया। पूरा परिवार सदमे में है, लेकिन अभी भी भगवान से प्रार्थना कर रहा है कि दोनों सुरक्षित लौट आएं।
सरकार पर उठे सवाल
कौशलेंद्र के दादा और भाजपा नेता डॉ. उम्मेद सिंह ‘इन्सान’ ने सरकार की उदासीनता पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा, मैंने मुख्यमंत्री, राज्यपाल, गृहमंत्री, पीएमओ तक सब जगह संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला। उन्होंने ओडिशा सरकार की तत्परता की तारीफ करते हुए केंद्र और यूपी सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाया।
परिवार और देश की उम्मीद अब भी ज़िंदा
भले ही समय बीतता जा रहा है और जानकारी की कमी चिंता बढ़ा रही है, लेकिन दोनों परिवारों को अभी भी उम्मीद है कि कौशलेंद्र और अंकिता सुरक्षित मिलेंगे। देशभर के लोग भी उनके लिए दुआ कर रहे हैं।