भाजपा नेता का अलगाववाद और कट्टरवाद को मात्र 2 साल में समाप्त करने का दावा, जानिए 10 सूत्रीय कार्यक्रम के बारे में

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले की देश से लेकर विदेश तक में चारों ओर निंदा हो रही है. पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्‍तान समेत हुर्रियत नेताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसी बीच बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने अलगाववाद और कट्टरवाद को मात्र 2 साल में समाप्त करने का दावा किया है. उपाध्याय ने इसके लिए 10 सूत्रीय कार्यक्रम तैयार किया जिसके मुताबिक़ अलगाववाद और कट्टरवाद जैसी समस्याएं 2 साल के भीतर हमेशा के लिए जड़ से मिट जाएंगी.


उन्होंने यह भी कहा कि 10 सूत्रीय कार्यक्रम लागू करने के 2 साल के अंदर यदि अलगाववाद, कट्टरवाद तथा पत्थरबाजी पूरी तरह से बंद न हो जाए तो वे राजनीति से आजीवन सन्यास ले लेंगे और किसी को मुंह नहीं दिखाएंगे.


शनिवार को उपाध्याय ने फेसबुक पर लिखा “अलगाववाद, कट्टरवाद तथा पत्थरबाजी का स्थायी समाधान”


  • वर्तमान समय में दो नाम (भारत और इंडिया) दो राष्ट्रगान (जन-गण-मन और वंदेमातरम) दो निशान (तिरंगा और कश्मीर का झंडा) दो विधान तथा दो संविधान (कश्मीर और शेष भारत का संविधान) लागू है और यह दोहरी व्यवस्था ही अलगाववाद, कट्टरवाद, आतंकवाद तथा पत्थरबाजी का सबसे प्रमुख कारण है इसलिए आर्टिकल 35A और 370 को तत्काल समाप्त करें तथा एक देश, एक नाम, एक राष्ट्रगान, एक निशान, एक विधान और एक संविधान लागू करें,

  • मदरसों से डॉक्टर इंजीनियर प्रोफेसर या कलेक्टर नहीं निकलते हैं तथा समान शिक्षा के बिना सभी बच्चों को समान अवसर उपलब्ध कराना भी असंभव है इसलिए मदरसों को बंद करें तथा 6-14 साल के सभी बच्चों के लिए समान शिक्षा लागू करें अर्थात पठन-पाठन का माध्यम भले ही अलग-अलग हो लेकिन कश्मीर से कन्याकुमारी तथा कच्छ से कामरूप तक सभी बच्चों का स्लेबस एक समान होना चाहिए.

  • आतंकवादियों, अलगाववादियों, कट्टरपंथियों तथा पत्थरबाजों की फंडिंग हवाला और कालाधन से होती है इसलिए सौ रुपये से बड़ी नोट तत्काल बंद करें, दस हजार रुपये से महंगे समान का कैश लेन-देन बंद करें तथा एक लाख रुपये से महंगी चल-अचल संपत्ति को आधार से लिंक करें.

  • आतंकवादियों, अलगाववादियों, कट्टरपंथियों, पत्थरबाजों और हवालाबाजों से सच उगलवाने के लिए अमेरिका की तरह नार्को एनालिसिस, पॉलीग्राफ और ब्रेनमैपिंग टेस्ट अनिवार्य करने के लिए कानून बनाएं.

  • कालाधन, बेनामी संपत्ति तथा आय से अधिक संपत्ति रखने को देशद्रोह घोषित करें तथा ऐसे गद्दारों की शत-प्रतिशत संपत्ति जब्त करने और उन्हें आजीवन कारावास या फांसी की सजा देने के लिए तत्काल एक कानून बनाएं.

  • अलगाववाद, कट्टरवाद, सेना पर पत्थरबाजी तथा हवाला कारोबार को देशद्रोह घोषित करें तथा ऐसे गद्दारों की शत-प्रतिशत संपत्ति जब्त करने और उन्हें आजीवन कारावास या फांसी की सजा देने के लिए तत्काल एक कानून बनाएं.

  • आजतक एक भी अलगाववादी, आतंकवादी, चरमपंथी या पत्थरबाज नहीं मिला जिसके माँ-बाप ने “हम दो-हमारे दो” नियम का पालन किया हो इसलिए चीन की तर्ज पर सभी नागरिकों के लिए तत्काल एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाएं.

  • देश में “सबका साथ-सबका विकास” लागू है इसलिए अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक का विभाजन बंद करें तथा अल्पसंख्यक आयोग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय समाप्त करें.

  • धर्म के आधार पर हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और पारसी के लिए बने कानूनों को समाप्त करें तथा सभी नागरिकों के लिए तत्काल एक समान नागरिक संहिता लागू करें.

  • कालाजादू पाखंड और धर्मांतरण के खिलाफ एक कठोर और प्रभावी कानून बनाएं, ऐसे लोगों को आजीवन कारावास की सजा देना जरूरी है.


मालूम हो कि आतंक की इन घटनाओं में अधिकतर देश के भीतर छिपे स्लीपर सेल की तरह काम करने वाले अलगाववादियों के लिंक सामने आते हैं. पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्‍तान समेत हुर्रियत नेताओं पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इस दौरान घाटी के 18 हुर्रियत नेताओं और 160 राजनीतिज्ञों से सुरक्षा वापस ले ली गई थी. बीती रात जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया है. दूसरी ओर जमात ए इस्‍लामी (जेईआई) के 12 नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया है.


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